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काव्य लेखनी - यादें तो यादें होतीं हैं।

यादें तो यादें होतीं हैं। 
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मधुर मिलन की या हों ग़म की,
संग हमारे ही रहतीं हैं।
जब तक जीवन है यादें हैं,
साथ याददाश्त जब तक है। 
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खट्टी मीठी तीती यादें होतीं, 
कुछ कड़वी मनखारी यादें,
संग मनुष्य के ही रहतीं हैं।
यादें तो यादें होतीं।
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हंसती यादें, प्यारी यादें,
नफरत के पल, रोतीं यादें, 
वक्त बिताया गया आज का,
बन जाता है गुजरे कल की यादें। 
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वक्त का पहिया सदा घूमता,
वर्तमान कब ठहरा रहता,
ये पल भी बन जाएगा एक दिन,
बन कर के इस वक्त की यादें।
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अच्छी और बुरी सी यादें,
आज कहीं हैं साथ में कल थे।
अपनों के संग बिताए गए पल थे।
बन जाते हैं सुंदर यादें।
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होंठों पर ले आती हैं मुसकानें,
यादों की दम पर जी लेते,
कठिन परिस्थितियां जीवन की,
ताकत देतीं हमको हरदम,
जीवन में बीती सुनहरी यादें।
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कठिन समय से गुजरी यादें,
देतीं रहती खूब हौसले,
कठिनाइयों से सीखा हमने,
कैसे जीना, कैसे रहना,
वे भी यादें होती नहीं कम,
ताकत और मजबूती देतीं।
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शोभा शर्मा, म.प्र. छतरपुर से
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3 Comments

सुन्दर सृजन

Reply

Varsha_Upadhyay

22-Sep-2023 09:20 PM

Nice 👌

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Gunjan Kamal

22-Sep-2023 07:07 PM

👏👌

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