सप्त-शर्त
सप्त-शर्त
हिमांशु पाठक
मौलिक व स्वरचित
1
सुनों! दीवानों, ऐ मस्तानों,
प्रेम की चर्चा करने वालों ।
प्रेम का पहले मर्म तो,
प्रेम का पहले सार तो जानों ।
सुनों दीवानों ऐ मस्तानों ।
सप्त-शर्तों में प्रेम छिपा है ।
सप्त-शर्तों को पहले जानों ।
2
प्रथम शर्त है "त्याग" प्रेम में ,
द्वितीय शर्त "समर्पण" जानों ।
तृतीय शर्त में छिपी "तपस्या"
चतुर्थ शर्त में "बन्धन"जानों ।
पंचम शर्त है "गहनता" हृदय की,
षष्ठम शर्त में प्रिय का "शुभ" है।
सप्तम शर्त में "मौन" अधरों का,
नयनों की भाषा पहचानों।
यदि पात्रता जो हो तुममें,
तब तुम प्रीत की बातें करना।
सुनों दीवानों ऐ मस्तानों ।
3
अंगारों से भरा हुआ पथ,
कहाँ सहज है इसमें चलना?
पग-पग पर हैं शूल इस पथ पर,
पुष्प जिन्हें तुम भ्रमवश जानों ।
यदि चल सको जो इस पथ पर,
तो अपना पग,पथ पर धरना ।
सुनों दीवानों ऐ मस्तानों ।
4
कहाँ सुधा-रस मिलता इसमें,
पथ पर नही है कोई मधुशाला।
मधुबाला कब मधुहाला ले,
स्वागत करती मधुमय पथ पर?
नही,मधु मिलती पीने को,
पीना पड़ता विष का हाला ।
जो शंकर बन गरल,हलाहल,
पीने का सामर्थ्य हो तुममें,
तब तुम प्रीत की बातें करना,
तब तुम प्रीत की रीत निभाना ।
सुनों दीवानों ऐ मस्तानों ।
5
राधा सा जो तुममें धैर्य हो,
मीरा सी हो त्याग की क्षमता ।
सीता सा विश्वास अटल हो
उर्मिला सी की हो तपस्या ।
तब तुम प्रीत की बातें करना,
तब तुम प्रीत की रीत निभाना ।
सुनों दीवानों ऐ मस्तानों,
प्रेम का पहले मर्म तो समझों,
प्रेम का पहले सार तो जानों ।
सुनों दीवानों ऐ मस्तानों ।
(समाप्त) हिमाँशु पाठक
जज-फार्म,
छोटी मुखानी,
हल्द्वानी-263139
मोबाइल-7669481641
Shashank मणि Yadava 'सनम'
06-Oct-2023 07:11 AM
बेहतरीन अभिव्यक्ति और खूबसूरत भाव
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madhura
02-Oct-2023 08:46 AM
Nice
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Reena yadav
01-Oct-2023 11:29 AM
👍👍
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