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लेखनी प्रतियोगिता -26-Sep-2023अनमोल

गीता छंद
सृजन शब्द- अनमोल

अनमोल माँ की सीख है, अनमोल   माँ का नेह।
जैसे किसी मरुभूमि में, रिमझिम बरसता मेह।।

अनमोल गुरु का ज्ञान है, अनमोल  वाणी सार।
करता सदा ही जीव की,नौका भँवर से पार।।

अनमोल भ्राता प्रेम है, अनमोल राखी बंध।
भाई बहन के बीच है, यह भाव का उपबंध।।

अनमोल जीवन साँस है, अनमोल प्राणी गात।
रट ले दयानिधि नाम तू, होगी न दुख की रात।।

अनमोल प्रिय की प्रीति है, अनमोल उर के भाव।
चलती सदा विश्वास से, जीवन सरीखी नाव।।

प्रीति चौधरी"मनोरमा"
जनपद बुलंदशहर
उत्तरप्रदेश
मौलिक एवं अप्रकाशित।

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3 Comments

खूबसूरत और सुंदर अभिव्यक्ति

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Gunjan Kamal

26-Sep-2023 06:18 PM

👏👌

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Reena yadav

26-Sep-2023 11:02 AM

👍👍

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