Dr. Neelam

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अनमोल

*अनमोल*
अनमोल रिश्ते
होते हैं,
सोच-समझकर
बनाईये,
ज़रा-सी चोट से
टूट जाते हैं,
संभल कर आजमाईये।

रिश्तों की कदर
कीजिए
वक्ती जरूरत पर
काम आते हैं,
बेवक्त न
रिश्तों का मोल 
लगाईये,

जिंदगी में
परिवार से बढ़कर
अनमोल रिश्ता
कोई नहीं,
परिवार के विरूद्व
न जाईये,
मुश्किलों में परिवार
ही काम आते हैं।

ठेस कभी लगे
अपनों के बोल से,
भूलकर भी
बुरा बात का न
मनाईये,
यही बुरे बोल
कड़वी दवा होते हैं
मुस्करा के
खाते जाईये।

अनमोल उनके
हर शब्द होते हैं,
देकर वर्तमान में घाव,
कालांतर में
मरहम का काम
करते हैं,
शब्दों की चोट का
न बुरा मनाईये,
भविष्य की खातिर
उन्हें सहेजते जाईये।

        डा.नीलम

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2 Comments

Varsha_Upadhyay

27-Sep-2023 07:48 PM

Nice 👍🏼

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hema mohril

26-Sep-2023 10:08 PM

Nice

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