उड़ान
कभी कुछ बात अपनी की तो
कभी जज्बात लिख डाला
कभी जिया जिंदगी के हर पल को
तो कभी हालात बयां कर डाला हुआ
जब मन उदास हुआ
अश्कों ने आंखों को धोया
सताए जिंदगी के वे लम्हें कभी
और खुद की परछाई डराने लगी
कभी बातें मन में तूफान बन
झकझोरने लगी
तो दीए की लौ सी बन डटी रही
झुकाया कदमों में जब सबने
उड़ने का हौसला आया
अब तो शब्दों में एहसास
परोसने लगी हूं
खुद से बातें कर
गगन की सैर पर निकल गई हूँ
अर्चना तिवारी
संजय भास्कर
14-Apr-2021 03:27 PM
बहुत कुछ समेटे अपने आप में । बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
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Satesh Dev Pandey
18-Mar-2021 11:16 PM
बहुत ही सुन्दर रचना उत्कृष्ट रचना
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