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नादान

सर्वप्रथम माँ शारदे को नमन
तत्पश्चात"लेखनी" मंच को नमन
मंच के सभी श्रेष्ठ सुधीजन को नमन
शीर्षक -:नादान
दिनाँक-28-09-2023 
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नादान है दिल इन बच्चों का।
पता नहीं कब पाँव फिसल जाए।।

अपने ही किए कर्मो  हम फल भोग रहे।
कभी बदमाश बन हरकतें अपनी दिखा रहे।।

अपना काम बनाने वास्ते बेअकल बन पेश हो रहे।
स्वयं की गणना बावला बन बुद्धिहीन में करा रहे।।

 वक्त आने पर बुद्धिमानों अपना फर्ज नया रहे।
अपेक्षित के तारों से जोड़ दिल के करीब ला रहे।।

आभा मिश्रा कोटा-राजस्थान

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6 Comments

Varsha_Upadhyay

29-Sep-2023 03:33 PM

Nice one

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Reena yadav

29-Sep-2023 11:14 AM

👍👍

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Gunjan Kamal

29-Sep-2023 10:49 AM

बहुत खूब

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