Yusuf

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महफिल


महफिलों से कटे-कटे से रहते हैं 
तन्हाइयों से मोहब्बत सी हो गई है 
खुद में हीं खोए हुए से रहते हैं 
खामोशियों की आदत सी हो गई है

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6 Comments

Tabassum

13-Oct-2023 12:20 AM

👍👍👍

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hema mohril

05-Oct-2023 09:47 AM

V nice

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kashish

05-Oct-2023 09:28 AM

अद्भुत

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