जो बीत गई सो बात गई
जो बीत गई सो बात गई
आशा निराशा की सुख दुःख में
इंसान आज जकड़ा हुआ है
जीने का तरीका सज्जनों
इस युग में बदला हुआ है
मुकुलित होकर रहोगे तो
कैसे विकसित होगें
इसीलिए तो कहता हूं सज्जनों
जो बीत गई सो बात गई।
जो व्यक्ति पुराने दुःखो में खोया हुआ है
वह अमन व चैन को तरस रहा है
खेल इतने खेलती है जिंदगी
वक्त को समझें,तभी बेड़ा पार है
कोई नही मिलेगा आंसू पोंछने वाला
जो बीत गई सो बात गई।
सब गूढ़ रहस्यों को समझना जरूरी है
क्योंकि चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है
कठिन पथ के तुम प्रर्दशक हो
भविष्य की तुम प्रसिद्धि हो
यदि हर वक्त सुकून की चाहत है तो
जो बीत गई सो बात गई।
न हो मायूस तू, खुद से कभी
उम्मींद की कोशिश को न खोना कभी
तुझें अकेले ही भवसागर पार जाना है
सब जानकर भी तू क्यों अनजान है
मिलती नही है खुशियां खैरात में
जो बीत गई सो बात गई।
नूतन लाल साहू
Sarita Shrivastava "Shri"
06-Oct-2023 05:18 PM
वाह! बेहतरीन सुन्दर विचार प्रस्तुति👌👌🌹🌹
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Mohammed urooj khan
06-Oct-2023 04:00 PM
👌👌👌👌👌
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