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सफ़र

एक प्रतिष्ठित बुजुर्ग व्यक्ति ट्रेन में अकेले सफर कर रहे थे। उनके साथ मदद के लिए कोई दूसरा व्यक्ति या रिश्तेदार नहीं था जो सफर में उनकी मदद करता। ट्रेन में टीटी आया। उसने बुजुर्ग व्यक्ति से टिकट दिखाने को कहा।


उन्होंने टिकट ढूंढना शुरू किया, कभी इस जेब में, कभी उस जेब में, कभी सामान में। 
टीटी ने देखा बुजुर्ग व्यक्ति बहुत परेशान हैं उन्हें याद नहीं कि टिकिट कहाँ रखा था। उन्हें परेशान देखकर टीटी ने कहा, "टिकट मत ढूंढिए महाशय मैं आपको जानता हूँ। आप बिना टिकट सफर नहीं कर सकते, आप टिकिट मत ढूंढिए।" 

लेकिन उन्होंने टिकिट ढूंढना जारी रखा वह कभी सामान कभी जेबें टटोल रहे थे।
टीटी ने अपनी बात फिर से दौहराई, "महाशय आप परेशान मत होइए, टिकिट मत ढूंढिए मैं आपको अच्छे से जानता हूँ। आप सफर जारी रखिए और निश्चिंत हो जाइए!"

बुजुर्ग व्यक्ति के चेहरे से परेशानी के भाव स्पष्ट दिखाई दे रहे थे। उन्होंने परेशान और अधीर होकर जबाव दिया, "अब मैं टिकिट तुम्हें दिखाने के लिए नहीं बल्कि अपने लिए ढूंढ़ रहा हूँ ताकि मैं जान सकूँ कि मुझे जाना कहाँ है??"

तात्पर्य:- हमें बुजुर्गो का ख्याल रखना चाहिए, विशेषकर जिनकी याददाश्त कमजोर हो।
धन्यवाद 🙏🙏

स्वरचित-सरिता श्रीवास्तव "श्री"

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16 Comments

RISHITA

13-Oct-2023 12:44 PM

Amazing

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hema mohril

09-Oct-2023 07:36 PM

Amazing

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Sarita Shrivastava "Shri"

10-Oct-2023 03:57 PM

🙏

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Anjali korde

09-Oct-2023 11:28 AM

V nice

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Sarita Shrivastava "Shri"

10-Oct-2023 03:57 PM

🙏

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