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लेखनी प्रतियोगिता -08-Oct-2023 "भावना "

"भावना"
किसी जज़्बाती व्यक्ति को, जरा बारीकी से पढ़ना।
उसके अंदर भावनाओं का, एक गहरा समंदर रहता है।।

कभी झूठे इरादों और वादों में, तुम उसको ना उलझाना।
कसम से टूट कर फ़िर, कई टुकड़ों में बिखर कर रह जाता है।।

कभी न आहत उसकी सच्ची और मासूम भावना को करना।

ज़मी से आसमां तक फ़िर ना कुछ उसके समझ में आता है।।


झूठी दिल्लगी की चोट,जब किसीकीभावनाओं पे पड़ती है।

फ़िर ज़माने भर की बातों से, उसका भरोसा उठ सा जाता है।। 


किसी की भावनाओं पे, अपनी चालाकियों का कभी ना वार  करना तुम। 

हंसता खेलता व्यक्ति सदा के लिए चुप हो जाता है ।। 


मधु गुप्ता "अपराजिता"



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13 Comments

Anjali korde

09-Oct-2023 12:10 PM

Amazing

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Punam verma

09-Oct-2023 08:09 AM

Nice

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Thank u so much 🙏🙏

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खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति

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बहुत बहुत धन्यवाद और आभार 🙏🙏

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