Harpreet Kaur

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उदास

आज मन उदास है
न कोई दूर है, न कोई पास है
फिर भी आज मन उदास है
गलियों में रौनक है, न कोई गली 
वीरान है।फिर भी न जाने आज मन
क्यूं उदास है।
बादल भी गरज रहे है,बिना सावन
के बरस रहे है।ये देख कर भी दिल उदास है।
रात को चांद भी आया है उसने अपनी चांदनी भी बिखराई है फिर भी दिल को सुकूं नही।जाने ये दिल क्यूं भर आया है।
जाने क्यूं आज मन उदास है
न कोई दर्द है न कोई प्यास है फिर भी
न जाने मन क्यूं उदास है।
न कोई गीत अधूरा रह गया
न कोई चुभती बात कह गया
जाने क्या बात है,आज मन क्यूं उदास है।

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3 Comments

Dilawar Singh

06-Feb-2024 10:36 PM

बहुत खूब 👌👌

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Aliya khan

22-Mar-2021 12:50 PM

Nice

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kapil sharma

19-Mar-2021 06:34 PM

बहुत अच्छा मैम

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