रसिया
रसिया
सखी श्याम सपने में आए ,
बिन बोले घुस आए।
आधी रातै भीतर आकर ,
बंसी टेर लगाये ।।
बंसी धुन सुन ग्वाल-बाल सब ,
बाहर शोर मचाए ।।
पहने घोर घुमाऊ चुनरी ,
मनो चौक से आये ।
उम्दा भेष धरे नारी को ,
की कोनऊ पकड़ न पाए।
मोसे कहत चलो वृंदावन ,
मधुबन रहस रचाये ।
मानत नैया बरजो नटखट ,
बहिंया पकर घुमाये।
छलिया ने जब बहिंया पकरी
तबै समझ हम पाये ।।
समझत नींद खुली ती मोरी ,
तब नहि परत दिखाये ।।
कह "अनजान" जानकर मोखां,
छलिया जो पुटयाये।।
सखी श्याम सपने में आये
बिन बोले घुस आये ।।
स्वरचित व मौलिक
डॉक्टर आर बी पटेल "अनजान"
छतरपुर मध्य प्रदेश।
Mohammed urooj khan
16-Oct-2023 12:39 AM
👌👌👌👌
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
14-Oct-2023 10:47 AM
सुन्दर सृजन
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Abhinav ji
14-Oct-2023 08:14 AM
Very nice
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