आजादी
आजादी
पंछी है कैद अगर,
तो उड़ने में कर मदद तू ।
रात है काली अगर,
दिया जला कर रौशन कर तू ।
बीत गए कई साल रूढ़िवादी विचारों में उलझ कर,
सुलझा मन के भाव तू।
औरत, आदमी या हो कोई बच्चा,
सबके जीवन का कर सम्मान तू ।
आगे बढ़ विजई राह पर ।
उन वीरों ने क्या पाया,
अगर तू अब भी डर में खोया।
उठ जा तू, छू ले आसमान,
आज़ाद पे है सबका हक ।
तोड़ दे दीवारें सारी,
Mohammed urooj khan
16-Oct-2023 12:54 AM
👌👌🙏🙏
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Arti khamborkar
14-Oct-2023 08:22 AM
nice
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
14-Oct-2023 10:43 AM
बेहतरीन
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