भवानी माँ
भक्तों की टेर सुन के आईं,
भवानी माँ मंदिर से आईं।
दुष्टों का नाश करने आईं,
भवानी माँ मंदिर से आईं।
अंधा खड़ा है अंधियारी छाई,
ठोकर लगी माँ को टेर लगाई,
सूरदास नैना सुख दाई, भवानी۔۔
दुख से व्यथित एक कोढ़ी बुलाए,
रिसते घाव माँ को टेर लगाए,
कोढ़ी को काया सुख दाईं, भवानी۔۔
भवन के द्वारे एक बालक रोए,
रो-रोकर अपने नैनों को खोए,
माँ ज्ञान चक्षु देती आई, भवानी۔۔
आँसू बहाए कन्या टेर लगाए,
रो-रोकर माँ को दुखड़ा सुनाए,
घर‐वर अंगन दात्री आई, भवानी۔۔
एक बाँझन माँ के चरण न छोड़े,
सास-ससुर पति सबने मुख मोड़े,
गोदी में ललना सुखदाई, भवानी۔۔
सिंह सवार माँ मंद-मंद मुस्काए,
अपने भक्तों पर आशिष बरसाए,
"श्री" सुख-वैभव देने आई, भवानी۔۔
स्वरचित-सरिता श्रीवास्तव "श्री"
धौलपुर (राजस्थान)
Mohammed urooj khan
19-Oct-2023 11:50 AM
👌👌👌👌
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madhura
18-Oct-2023 04:55 PM
Amazing
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
18-Oct-2023 07:33 AM
बेहतरीन
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