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इश्क़

इश्क....... बेहद दिलचस्प, उलझा व रहस्यमयी शब्द है। यह ऐसा  शब्द है जिसका नाम सुनते ही हर मनुष्य के अंदर एक स्पंदन हो जाता है। इश्क के किस्से कहानियां हमेशा मशहूर रहते हैं ।
इश्क भी कई प्रकार का होता है

*पूर्ण इश्क
*अधूरा इश्क़
*एक तरफा इश्क
*अनकहा इश्क

हम हमेशा विपरीत की ओरआकर्षित होते हैं शायद इसी को तो हम इश्क   कहते हैं ।मैंने कई युगलों को बड़ेजी बड़े वादे करते देखा है कि"  तुम बोलो तो तुम्हारे लिए कुछ भी कर जाएंगे"।

इ उम्र के हर पड़ाव पर अलग-अलग रंग में होता है और उम्र दर उम्र ही इश्क में परिपक्वता आती है। जब तक इश्क बचपन में ,युवावस्था में रहता है उस वक्त तक वह बेपरवाह होता है क्योंकि उस समय हम आकर्षण के अनुरूप ढले होते हैं। हम जीवन की सच्चाईयों से कोसों दूर रहते हैं। कसमे ,वादे, दिखावा सभी से परिपूर्ण होता है वह इश्क।

हीर रांझा , शिरीह फहाद, अनारकली सलीम सब किस्से सुनकर हर बंदा उन्हीं से प्रेरित होता है।

सत्य तो यह है सच्चे इश्क का आगाज होता है जब हम एक बंधन में बनते हैं। जहां हम आकर्षण को परे हटा कर  आत्मीय सूत्र से बंधते हैं। एक दूसरे को जानना, लड़ना और फिर  एक हो जाना, एक के टूटने पर दूसरे को उसका संभालना , जिम्मेदारियों को एक दूसरे का हाथ पकड़कर निभाना,  खुद का एक दूसरे से लड़ना फिर प्यार की अठखेलियां करना ,खुद एक दूसरे को कुछ भी कहना पर तीसरे के बोलने पर डर जाना यह प्यार का बड़ा अनूठा ढंग है।


 इश्क के समंदर की गहराइयों को मापना तो नामुमकिन है परंतु एक दुसरे का हाथ पकड़ कर जीवन की हर मुश्किल को हंसते हुए पार करना ही इश्क है। इश्क वो है जहां आशिक अपने लिए छोड़ कर दूसरे के लिए जीने लगता है।

क्रमश.....


Er. Nishant Saxena "Aahaan"✍️....

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5 Comments

Sonali negi

03-Jun-2021 04:03 PM

Osmm

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Er. Nishant Saxena

04-Jun-2021 03:01 AM

Thnx

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SAGAR BABAR

02-Apr-2021 10:19 AM

बहुत अच्छा लिखा सर

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RICHA SHARMA

20-Mar-2021 08:46 PM

bohut achcha likha aapne sir

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Er. Nishant Saxena

26-Mar-2021 07:10 PM

thanq for your motivation.

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