जय माॅं महागौरी ( आठवां दिन)
जय जय माता महागौरी ,
महिमा अपार तुम्हारी है ।
शिव तपस्या वर्षों करके ,
अर्द्धांगिनी बनी प्यारी है ।।
तप से तुम काली पड़ीं ,
शिव का तुमपे ध्यान गया ।
छिड़का गंगाजल तन तेरे ,
काली से तन गौर भया ।।
कृष्णा से गौरी भई ,
कल्याण कारणी महागौरी ।
तेरी तुलना बड़ी अतुलनीय ,
कर न सका कोई भी थोरी ।।
वृषभ वाहिनी तुम्हीं माते ,
गले हार है मुक्तक माला ।
तन पर तेरे श्वेतांबरी शोभे ,
दुष्ट संहार शीघ्र कर डाला ।।
दाएं कर में त्रिशूल विराजे
दूजे कर बरसाएं आशीष ।
व्याधि बाधा से मुक्ति मिले ,
अहंकार से करो बख्शीश ।।
बाएं तृतीय अभय वर देतीं ,
चतुर्थ हस्त डमरू बजाएं ।
माॅं की भक्ति करे जो मन से ,
क्रोध लोभ मोह दूर भगाएं ।।
जय जय जय माते महागौरी ,
सादर सहृदय तुम्हें प्रणाम ।
मन मस्तिष्क पावन कर दे ,
जीवन को दे सुंदर आयाम ।।
Babita patel
24-Oct-2023 02:34 PM
Nice
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अपर्णा " गौरी "
24-Oct-2023 03:22 PM
Thanks
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Anjali korde
24-Oct-2023 02:29 PM
Nice
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अपर्णा " गौरी "
24-Oct-2023 03:23 PM
Thank you
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Mohammed urooj khan
23-Oct-2023 02:12 PM
👌🏾👌🏾
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अपर्णा " गौरी "
24-Oct-2023 03:23 PM
🙏🏻🙏🏻
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