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लेखनी प्रतियोगिता -22-Oct-2023

दैनिक प्रतियोगिता

महाअष्टमी

जय माॅं महागौरी ( आठवां दिन)

जय जय माता महागौरी ,
महिमा अपार तुम्हारी है ।
शिव तपस्या वर्षों करके ,
अर्द्धांगिनी बनी प्यारी है ।।

तप से तुम काली पड़ीं ,
शिव का तुमपे ध्यान गया ।
छिड़का गंगाजल तन तेरे ,
काली से तन गौर भया ।।

 कृष्णा से  गौरी भई ,
कल्याण कारणी महागौरी ।
तेरी तुलना बड़ी अतुलनीय ,
कर न सका कोई भी थोरी ।।

वृषभ वाहिनी तुम्हीं माते ,
गले हार है मुक्तक  माला ।
तन पर तेरे श्वेतांबरी शोभे ,
दुष्ट संहार शीघ्र कर डाला ।।

दाएं  कर में  त्रिशूल विराजे
दूजे कर बरसाएं आशीष ।
व्याधि बाधा से मुक्ति मिले ,
अहंकार से करो  बख्शीश ।।

बाएं तृतीय अभय वर देतीं ,
चतुर्थ हस्त डमरू बजाएं ।
माॅं की भक्ति करे जो मन से ,
क्रोध लोभ मोह दूर भगाएं ।।

जय जय जय माते महागौरी ,
सादर सहृदय तुम्हें प्रणाम ।
मन मस्तिष्क पावन कर दे ,
जीवन को दे सुंदर आयाम ।।

अपर्णा गौरी शर्मा 🕉️

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13 Comments

Babita patel

24-Oct-2023 02:34 PM

Nice

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Anjali korde

24-Oct-2023 02:29 PM

Nice

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Thank you

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Mohammed urooj khan

23-Oct-2023 02:12 PM

👌🏾👌🏾

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🙏🏻🙏🏻

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