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बाप का नाम रोशन

बाप का नाम रोशन

सोफे पर बैठे, अखबार पढ़ रहे, पिता ने अपने मनचले, लड़के को देखा और कहा

पिता-"क्यो रे,,,आवारा सांड की तरह दिनभर, भटकती आत्मा जैसा, भटकता रहता है, तुझे काम-धंधे की सुध नहीं है"!

बेटा -"आवारा नहीं भटकता हूं, मेहनत करता हूं, मेहनत, और सुनो, मैंने दिन रात मेहनत करके, तपती धूप में अपना पसीना बहा कर, इस गांव की सबसे खूबसूरत लड़की, स्वीटी को पटा ली है, तुमसे तो आज तक, मेरी, मम्मी भी ना पटी है"!

पिता -"स्वीटी,,कौन, वह धनराज सेठ की छोरी"!

बेटा -"हां,,,

पिता -"इन रहिसजादियों के सपने देखना, बंद कर दे, आजकल की होशियार लड़कियां, लड़कों की हैसियत देखकर, प्यार करती है और तेरी हैसियत गली के कुत्ते जैसी भी नहीं है "!

बेटा - भले गली के कुत्ते जैसी नहीं है पर विराट कोहली से कम थोड़ी है"!

पिता -"तेरी हैसियत, विराट कोहली के बराबर कैसे हो गई"? पिता ने आश्चर्य से पूछा

बेटा -"वह भी क्रिकेट खेलता है, मैं भी क्रिकेट खेलता हूं, उसका 100 शतक मारने का रिकॉर्ड है, मेरा 100 बार जीरो पर आउट होने का रिकॉर्ड है, वह हर मैच में चोके-छक्के मारता है, मुझे हर मैच में बालर गेंद से मारते हैं"!

पिता -"अबे,,,चुप कर गधे, विराट कोहली ने उसके बाप का नाम, आखी दुनिया में रोशन कर दिया है और तूने, मेरा नाम अंधेरे में डूबा दिया है"!

बेटा -"पापा,,,झूठ मत बोलो, अगर विराट कोहली ने उसके बाप का नाम रोशन किया है तो उसे बाप का नाम बताओ"?

पिता -"हम्मममम,,,मुझे क्या मालूम"?

बेटा -"भले विराट कोहली ने उसके पापा का नाम रोशन नहीं किया पर मैं, अभी इसी वक्त,तुम्हारा नाम रोशन करूंगा और वह भी केवल 5 मिनट में"!

पिता -" बोरवेल में जाकर कुदेगा या बैंक लूटेगा"!

बेटा -"तुम सिर्फ 5 मिनट के लिए, अपनी आंखें बंद करो, बाप का नाम रोशन करना, कोई बहुत बड़ी बात थोड़ी है, 5 मिनट तक आंखें मत खोलना"!

पिता -"ठीक है,,देखता हूं, 5 मिनट में ऐसा क्या गुल खिला कर दिखाता है"!

5 मिनट बाद

बेटा -"पापा अब आंखें खोलो"!

पिता ने आंखें खोली और चिल्लाया,

पिता-"आआआआआ,,,अबे,,,अमावस की पैदाइश, लाइट क्यों बंद कर दी"! पिता ने कहा

बेटा -"ताकि तुम्हारा नाम रोशन कर सकूं,सामने दीवार पर देखो, मैंने,तुम्हारा नाम रोशन कर दिया है"!

पिता ने दीवार पर उनका नाम चमकीले शब्दों में लिखा देखा और नाम के चारों ओर रंग बिरंगी बल्बों की सीरीज लगी हुई देखी

बेटा -"देखा,,,कर दिया ना तुम्हारा नाम रोशन"!

पिता-"फुटी अकल के नारियल, मुझे बेवकूफ बनाता है"! पिता ने लाइट चालू कर, जूता फेंकते हुए कहा

बेटा-"खाली फोकट में जुता मत मारो, तुम्हारा नाम रोशन करके कौन सा गलत काम किया"!

पिता -"ऐसे अंधेरा करके, मेरा नाम रोशन करेगा, अरे,,,कोई बड़ा काम कर, जिससे लोग तुझे पहचाने और मेरा नाम रोशन हो"! पिता ने एक और जूता मारते हुए कहा

अगला सीन

धर्मेंद्र जंगल में एक पेड़ के नीचे खड़ा, कुछ सोच रहा है, तभी पेड़ के ऊपर से एक कौवा, उसके सिर पर बीट कर देता है, वह बाल पर उंगलियां फेरकर देखता है तो उसकी उंगलियों पर सफेद मलाई जैसा क्रीम चिपक जाता है,

धर्मेंद्र -"पेड़ पर मलाई,कब से उगने लगी पर इसमें से तो बहुत गंदी बदबू आ रही है"!

उसने सूंघकर, ऊपर देखा, वहां एक कोआं बैठा हग रहा है

धर्मेंद्र -"ओह,,तो यह तेरा कारनामा है"! फिर धर्मेंद्र एक मोटा पत्थर उठाकर, उस कोए को मारता है तो वह कोआ, तो उड़ जाता है पर वह पत्थर, थोड़ी दूर से आ रहे, धर्मेंद्र के दोस्त, राजपाल के सिर पर लगता है और वह वहीं बेहोश हो जाता है

कुछ देर बाद

धर्मेंद्र अपना सर धोकर, वापस उसी पेड़ के नीचे आकर देखता है, उसका दोस्त राजपाल, सर पकड़े बैठा है

धर्मेंद्र-"क्यों, राजपाल, तूने, तेरे बाप का नाम, रोशन किया या नहीं"!

राजपाल ने उठकर, धर्मेंद्र को एक चांटा मारा

धर्मेंद्र -"अरे,,,मुझे क्यों मारा"!

राजपाल -"एक गलती हो तो बताउ, तूने काम तो गोली खाने जैसा किया है पर मेरी, गरीबी का एहसान मान, मेरे पास बंदूक नहीं है, नहीं तो सीधी गोली मारता"! राजपाल ने गुस्से में कहा

धर्मेंद्र -"ऐसा क्या किया, मैंने"?

राजपाल -"जब तुझे, अच्छे से पता है, स्वीटी से में दिलो जान से प्यार करता हूं तो तूने, उसको क्यों पटाया और तूने, मुझे इतने बड़े पत्थर की क्यों मारी"? राजपाल ने गुस्से से कहा

धर्मेंद्र -"तुझे नहीं, कोएं को मारा था और मैंने, स्वीटी को नहीं पटाया, उसने जबर्दस्ती मुझे पटाया है, इमोशनल ब्लैकमेल करके"!

राजपाल -"ऐसा क्या, इमोशनल ब्लैकमेल कर दिया, उसने तुझे, जो तू फटाक से पट गया"!

धर्मेंद्र -"उसने कहा, अगर तुम, मुझसे प्यार नहीं करोगे तो तुम्हारे दोस्त, राजपाल को चूहा मार, जहर खिलाकर मार दूंगी, मैंने, तेरी जान बचाई और तु, मुझे मार रहा है"!

राजपाल-"तेरी बात पर यकीन तो नहीं हो रहा है, इसीलिए यकीन कर रहा हूं, अब तु फटाफट, स्वीटी से राखी बंधवाले और उसके सामने, मेरी झांकी जमवा दे, नहीं तो आज से हमारी दोस्ती खत्म और दुश्मनी चालू हो जाएगी"!

धर्मेंद्र -"इन छोरिया-वोरियों में मुझे, इंटरेस्ट नहीं है, मुझे तो अब, कुछ भी करके, अपने बाप का नाम रोशन करना है, जिंदगी में छोरियां तो दूसरी भी मिल जाएगी पर बाप दूसरा नहीं मिलेगा, एक ही तो बाप है मेरा"!

राजपाल -"तो मेरे क्या 10 बाप है"?

धर्मेंद्र -"मुझे क्या मालूम और तू यह फोकट की बात छोड़ और यह बता, तूने, तेरे बाप का नाम, रोशन किया है या नहीं"!

राजपाल-"बाप का नाम रोशन तो नहीं किया पर काला जरूर किया है, तेरे लिए एक उपाय है, जिससे तेरे बाप का नाम रोशन हो सकता है"!

धर्मेंद्र -"जल्दी बता जल्दी" !

राजपाल -"अरे,,,वह अपने गांव के शर्मा जी है ना, उनकी लड़की रोशनी, कलेक्टर की पढ़ाई कर रही है, आज नहीं तो कल कलेक्टर भी बन जाएगी, उसे भगा कर, शादी कर ले, पूरा गांव में तेरे, बाप का नाम रोशन हो जाएगा, और लोग बोलेंगे, आत्माराम का लड़का, धर्मेंद्र, शर्मा जी की लड़की, रोशनी को भगा कर ले गया"!

धर्मेंद्र -"अरे,,,वाह यार, राजपाल, क्या मस्त, आईडिया दिया है तूने, जी कर रहा है, तेरा खोपड़ा, नारियल की तरह फोड़ दूं"!

राजपाल -"मेरा खोपड़ा क्यों फोड़ेगा"?

धमेंन्द -"ताकि तू, ऐसे पावरफुल आइडिया किसी और को ना बता पाए, अरे,,,शर्मा जी की लड़की का तो नाम ही रोशनी है, वह मेरे बाप का क्या, मेरा पूरे खानदान का नाम रोशन कर देगी, अब चलता हूं"!

राजपाल -"कहां जा रहा है"?

धर्मेंद्र -"शर्मा जी की लड़की को भगाने  "!

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