किन्नर से प्यार भाग - 21




कहानी _ **किन्नर का प्यार **

भाग_ 21

लेखक_ श्याम कुंवर भारती 

कोर्ट में सुनंदा के मामले की सुनवाई हुई ।प्रवेश के वकील पापा ने बहस करते हुए कहा_मान्यवर जज साहब, सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल लीगल सर्विसेस ऑथोरिटी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के मुकदमे की सुनवाई करते हुए 15 अप्रैल 2014 को किन्नरों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए समुदाय को कानूनी तौर पर थर्ड जेंडर की मान्यता दि।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति ए के सिकरी की पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 14,16और 21का हवाला देते हुए कहा था की किन्नरों का बाकी नागरिकों की ही तरह बराबर का अधिकार है।
इसलिए उसके बाद से कोई भी किन्नरों के साथ कोई भेद भाव नहीं कर सकता।चूंकि खुद उच्चतम न्यायालय ने इनको शिक्षा , स्वास्थ, रोजगार और विचारों की अभिव्यक्ति का यानी समानता का अधिकार है तो फिर कयो कोलेज के प्रिंसिपल और स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष ने सुनंदा के किन्नर कह कर उसे शिक्षा के अधिकार से वंचित करने के उद्देश्य से कॉलेज जाने से रोका ।
ऐसा करके इन दोनों ने मान्यानिय उच्चतम न्यायालय के आदेश का उलंघन किया है।इन दोनो को कोर्ट द्वारा सजा मिलनी चाहिए।इसलिए मैं मान्यानिय जज साहब से प्रार्थना करता हूं की इनके खिलाफ सजा का फैसला सुनाए
पीपी पांडेय जी की बहस सुनकर खचाखच भरे हुआ पूरा कोर्ट तालियों की गगड़ाहट से गूंज उठा।
वाहां कोर्ट में सुनंदा,उसके माता _पिता, बबिता किन्नर ,प्रवेश पाण्डेय और कॉलेज के सभी समर्थक छात्र छात्राये उपस्थित थे । याचिका कर्ता के रूप में राखी कटघरे में खड़ी थी ।
दूसरी तरफ कॉलेज के प्रिंसिपल और स्टूडेंट यूनियन का अध्यक्ष मुजरिमों के कटघरे में खड़े थे।
कोर्ट ने राखी और सुनंदा का बयान सुना ।फिर कुछ कॉलेज के छात्र छात्राओं के साथ प्रवेश पाण्डेय ने अपने गवाही में कहा की मेरे अनुरोध करने के बाद भी इन दोनो ने सुनंदा को कॉलेज जाने से रोका ।
मजबूरन मुझे कॉलेज के गेट कर धरना देना पड़ा।
सबकी गवाही और बयान सुनने के बाद जज साहब ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा _ जबकि खुद मान्यानीय उच्चतम न्यायालय ने किन्नरों को समानता का अधिकार पहले ही दे दिया है तो फिर किसी को भी सुनंदा को शिक्षा प्राप्त करने से रोकने का हक नहीं है।
ऐसे करके प्रिंसिपल और अध्यक्ष दोनो मान्यनिय उच्चतम न्यायालय के आदेश का उलंघन किया है।इसलिए दोनो कानून के मुजरिम साबित होते हैं।
लेकिन कॉलेज एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान है ।इसलिए उसकी गरिमा का ध्यान रखते हुए कोर्ट दोनो की इस पहली गलती को माफ़ करते हुए यह आदेश देती है की दोनो सुनंदा से माफी मांगते हुए उसे बा इज्जत खुद उसके घर जाकर उसे कॉलेज अपने साथ लाए ।
दुबारा ऐसी गलती होने पर किसी को भी कोर्ट माफ नहीं करेगा।साथ ही पुलिस प्रशासन को यह आदेश देती है की कोर्ट के आदेश का पालन हो इसका ख्याल रखे ।
जज साहब का फैसला सुनकर एक बार फिर कोर्ट तालियों से गूंज उठा।
सभी मीडिया कर्मी भी वहा उपस्थित थे ।
फैसला सुनकर सुनंदा,उसके माता पिता,राखी , बबिता किन्नर ,प्रवेश और उसके साथी बहुत खुश हुए।
सुनंदा सबके साथ मिलकर पीपी पाण्डेय जी और प्रवेश का अभार ब्यक्त किया ।
प्रवेश ने कहा इसमें थैंक यू कहने की कोई जरूरत नही है ।यह तो मनवता के नाते तुम्हारा साथ देना हमारा कर्तव्य था।
वैसे मेरे पापा सरकारी वकील के रूप में हमेशा सच का साथ देते हैं।इनके हाथो कितने खूंखार अपराधी भी जेल की सजा काट रहे हैं।
लोग मेरे पापा को ईमानदारी की मिसाल देते है ।इसलिए सब इनकी बहुत इज्जत करते हैं।
मैं भी अपने पापा की तरह एक बडा वकील बनना चाहता हूं ।
सुनंदा के पापा ने कहा _ बेटा भगवान तुम्हारी इक्षा जरूर पूरी करे।
प्रवेश के पापा ने _ कहा मेरा बेटा हमेशा आपकी बेटी सुनंदा की तारीफ करता है।कल शाम को मैं आपके घर आऊंगा कुछ जरूरी बात करने के लिए।
जी जरूर आपका स्वागत पांडेय जी हमलोग आपका इंतजार करेंगे।
हॉस्पिटल में डॉक्टर ने सुनंदा की मेडीकल रिपोर्ट को एक बार फिर ध्यान से देखते हुए कहा _ सुनंदा का ऑपरेशन दो पार्ट में करना पड़ेगा।
पहले पार्ट में इसके प्राइवेट पार्ट को ऑपरेशन कर के नॉर्मल साइज में लाना होगा और फेलोपियन ट्यूब से जोड़ना होगा ताकि इसका मेंसुरेसन (मासिक चक्र)शुरू होने का रास्ता बन सके ।पारिवारिक जीवन इंटरकोर्स भी हो सके ।इसके लिए इसे एक सप्ताह अस्पताल में एडमिट रहना होगा।
दूसरे पार्ट में यूटरस ( गर्भाशय/ बच्चेदानी ) को बाहर से लाकर फेलोपियन ट्यूब से जोड़ना होगा ।ताकि नॉर्मल औरतों की तरह गर्भ धारण हो सके ।इसके लिए इसे दो सप्ताह तक हॉस्पिटल में एडमिट रहना होगा।
दोनो पार्ट के ऑपरेशन के बीच का अंतराल कम से कम दो तीन महीने का होना चाहिए।
पहले पार्ट के ऑपरेशन में कुल पांच लाख का खर्चा पड़ेगा । दूसरे पार्ट के ऑपरेशन में कुल दस लाख रुपए लगेंगे।यदि आप सब यूटरस खुद देंगे तो ढाई लाख रूपए कम हो जायेंगे।जिसे आप अपने किसी रिश्तेदार महिला से ले सकते है जो अब बच्चा नहीं चाहती है या इसकी मां खुद अपना यूटरस दे सकती है।
सुनंदा की मां ने कहा _ मेरी बेटी के भविष्य का सवाल है ।इसके सिर से किन्नर का कलंक भी मिटाना है।इसलिए मैं अपनी बच्चेदानी इसे देने को तैयार हूं।
डॉक्टर ने कहा ठीक है जब आप लोगो के पास पैसे हो जाए आकर काउंटर पर जमा कर ऑपरेशन का डेट ले लेंगे ।जिस दिन ऑपरेशन होगा उस दिन सुनंदा को खाली पेट आना होगा ।
 डॉक्टर साहब हम लोग जल्दी ही आपको खबर करेंगे ।
शाम को सुनंदा के घर पर पीपी पाण्डेय और प्रवेश पहुंचे ।सुनंदा के पापा ने उनका स्वागत किया । सुनंदा और उसकी मां ने उन दोनो को चाय नाश्ता दिया।तभी राखी भी वहा पहुंच गई।
सुनंदा की मां ने कहा पांडेय जी आप और आपके बेटे ने जितना हमारी बेटी के लिए किया है उसके लिए मैं किन शब्दों से शुक्रिया अदा करूं में पास शब्द नहीं है ।
कोई बात नही ।आपने इतना कह दिया यही बहुत है।प्रवेश के पिता ने कहा ।
मेरा बेटा आपकी बेटी सुनंदा को बहुत पसंद करता है।इसलिए मैं चाहता हूं क्यों न हमलोग दोनो का रिश्ता तय कर दे ।इसकी मां अब इस दुनिया में नही है ।हमारा बड़ा सा घर खाली खाली लगता है ।सुनंदा के बहु बनकर आ जाने से घर में रौनक आ जायेगी ।और मेरे बेटे को भी बहुत खुशी होगी ।
मेरी बेटी के बारे में सबकुछ जानकर भी आप उससे अपने बेटे का विवाह करना चाहते हैं पांडेय जी । सुनंदा के पापा ने आश्चर्य से पूछा।
यह भी पता है की आपकी बेटी की जो भी शारीरिक कमजोरी है उसे ऑपरेशन द्वारा दूर किया जा सकता है।
आपकी बेटी बहुत सुंदर ,सुशील और गुणवती है ।पढ़ लिखकर यह भी आगे चलकर बड़ा वकील बनेगी ।दोनो मिलकर वकालत करेंगे यह दोनो के लिए अच्छा रहेगा।पांडेय जी ने खुश होकर कहा।
हमारे लिए तो बड़ी खुशी की बात है पांडेय जी की आप इतना बड़ी सोच रखते हुए हमारी बेटी को जिस हाल में है उस हाल में अपनाना चाहते हैं।लेकिन हम लोग इतने स्वार्थी भी नही है ।हम सबको कुछ समय दीजिए पहले सुनंदा का इलाज करा ले फिर आपस मे विचार विमर्श कर आपको जरूर बताएंगे। सुनंदा की मां ममता देवी ने कहा।
कोई बात नही मुझे कोई जल्दीबाजी नही है।चाहे जितना समय ले ले लेकिन जवाब हां में चाहिए ।पांडेय जी ने कहा।
सुनंदा के पिता ने उसके ऑपरेशन के बारे में बताया।
अगर हमारी कोई भी जरूरत हो तो संकोच नहीं करेंगे।पांडेय जी ने कहा ।
ऐसा नही है की अंकल जब आप सुनंदा का विवाह मेरे साथ तय करेंगे तब ही मेरे पापा और मैं आपकी कोई सहायता करूंगा ।आप ना भी बोलेंगे तब भी हम दोनो आपके लिए हमेशा तैयार रहेंगे ।प्रवेश ने कहा ।
बेटा सच में तुम और तुम्हारे पापा महान है ।मानवता की मिसाल है ।मुझे तुम्हे अपना दामाद बनाने में बहुत खुशी होगी जो बिना किसी स्वार्थ के हमारी बेटी के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।सुनंदा की मां ने उसका हाल अपने हाथ से चूमते हुए कहा ।
फिर दोनो बाप बेटे चले गए ।उसकी मां और पापा दोनो को बिदा करने दरवाजे तक गए।
देख लो सखी एक राहुल और उसकी मां है जिन्हे जैसे ही पता चला तुम्हारे बारे में दोनो ने तुमसे मुंह फेर लिया। जिसपर तुम अपना जान छिड़कती थी ।तुम्हारे बारे में सबकुछ जानने के बाद भी तुमसे विवाह करना चाहता है।एक वो है तेरा प्यार राहुल ।तुम्हारे साथ इतना कुछ हुआ एक बार भी तुम्हारा हाल फोन कर के भी नही पूछा । आना तो दूर रहा ।उसकी मां भी यही रहती है लेकिन एक बार भी झांकने नही आई।
इसलिए मैं कहती हूं ऐसे स्वार्थी और मतलबी लड़के से दूर रहो।उसे हमेशा के लिए भूल जाओ ।
राखी ने नाराज होते हुए कहा ।
सुनंदा की आंखों से आंसू बहने लगे लेकिन कुछ भी नही बोली।उसका दिल अंदर ही अंदर जल रहा था ।क्या राहुल का प्यार केवल उसके रंग रूप और खूबसूरती से था।
मेरी भावना मेरे हालात से उसे कोई मतलब नही है।क्या उसका मुझ पर विश्वास इतना ही था ।क्या मैं उसे कभी धोखा दे सकती थी ।यह सब सोचकर वो रोने लगी ।
राखी उसे अपने हृदय से लगाकर उसकी पीठ सहलाने लगी । मत रो ।अपने दिल को मजबूत कर और अब आगे जो होने जा रहा है उसके बारे मे सोचो ।राहुल तुम्हारे किसी काम का नही है।
राखी ने उसे समझाते हुए कहा ।
यार प्रवेश ने जितना मेरे लिए किया है मैं उसकी प्रशंसक हो गई हूं।उसे अपना दोस्त मानती हूं ।हालांकि पहले उसे समझ नही पाई थी। लेकिन मैं उसे प्यार नही कर सकती ।
फिर उससे विवाह कैसे करूंगी ।सुनंदा नेगंभीर होकर कहा ।
रो ले जितना रोना है। तेरा दिल हल्का हो जायेगा।लेकिन अब राहुल की बात मत करना।राखी ने कहा।
सुनंदा की मां ने उसके पापा से सोने से पहले कहा _ एक तरफ भगवान ने मेरी बेटी को किन्नर का जीवन दिया है वही दूसरी तरफ इसके उज्जवल भविष्य के लिए मददगार भी दिया है।
मुझे तो प्रवेश बहुत पसंद आया है । बस किसी तरह मेरी बेटी का ऑपरेशन हो जाए फिर उसकी शादी प्रवेश से कर दूंगी ।
वे लोग बड़े प्रतिष्ठित और भले लोग है।
लेकिन सुनंदा की मां इतने पैसे का इंतजाम करना कोई मामूली बात नही है ।हमारे पास बैंक में कुल जमा राशि ढाई लाख है ।पहले ऑपरेशन के लिए ढाई लाख और इंतजाम करने होंगे।
फिर तीन महीने बाद दस लाख रुपए कहा से आयेंगे इतने रूपए ।मैं अपने पीएफ के आधार पर बैंक लोन के लिए बात कर के देखता हूं कितना मिलता है।फिर आगे सोचेंगे ।लेकिन है हर हाल में ऑपरेशन करवाएंगे।
सुनंदा के पिता ने चिंतित होकर कहा ।

आधी रात को राहुल ने सपने में देखा _ सुनंदा एक ऊंची पहाड़ी से कूदकर आत्म हत्या करने जा रही है।जाते हुए वो रो रही है ।वो उसे आवाज दे रहा है लेकिन वो उसकी आवाज को अनसुनी करके आगे बढ़ती जा रही है।
उतना भयानक सपना देखकर वो पसीने पसीने हो गया और हड़बड़ा कर उठ बैठा।उसकी सांसे तेज चल रही थी।जैसा कोई मिलो दौड़कर आ रहा हो।
उसका गला सूख रहा था।उसने उठकर एक गिलास पानी पिया और घड़ी देखा रात के डेढ़ बज रहे थे।
उसकी नींद उड़ गई थी ।वो इस सपने का मतलब समझ नही पा रहा था।
उसका दिल किया की वो अभी सुनंदा को फोन कर उसका हाल चाल पूछे ।लेकिन इस डर से नही कर पा रहा था की उसकी मुसीबत की घड़ी में जब हाल नही पूछा तो अब पूछने का क्या मतलब हुआ ।वो मुझसे बहुत नाराज होगी।शायद मुझसे नाराज भी होगी ।
चाहे जो भी हो आज तो उसे फोन जरूर करूंगा ।चाहे जितना खरी खोटी सुनाएगी सुन लूंगा ।
फोन लगातार बज रहा था ।लेकिन सुनंदा गहरी नींद में थी ।तीसरी बार मे उसकी आंख खुल गई ।उसने अपने मोबाइल में देखा राहुल का फोन था ।
उसने गुस्सा से फोन काट दिया ।
लेकिन राहुल का फोन बार बार आ रहा था।वो गुस्सा से उसे काट दे रही थी ।
लेकिन जब उसका फ़ोन आना बंद नहीं हुआ तो उसने उसे रिसीव कर गुस्से से कहा _ क्यों एक धोखेबाज और किन्नर लड़की से बात करना चाहते हो ।
क्या यह जानना चाहते हो की मैं अब तक जिंदा क्यों हूं ।तो सुन लो तुमने जितना मुझे दुख l दिया है में कब की मर गई होती लेकिन अपने मां बाप का मुंह देखकर जिंदा हूं ।अब फोन रखो और मुझसे बात मत करो।
उसने फोन काट दिया ।
राहुल का फ़ोन फिर आया उसने अपने मोबाइल का स्विच ऑफ कर दिया और सो गई ।लेकिन उसकी आंखो में आंसू भर आए थे।दुनिया चाहे जो कहती लेकिन राहुल ने उसकी भावना को ठेस पहुंचाया था ।उसकी यह बेरुखी उसके लिए असहनीय थी ।

शेष अगले भाग _ 22 में

लेखक_ श्याम कुंवर भारती
बोकारो, झारखंड 
मो.9955509286

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1 Comments

Mohammed urooj khan

04-Nov-2023 12:48 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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