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बदलाव..

.........बदलाव.........

मतलब के निकल जाते ही
मिलने का ढंग बदल जाता है
व्यवहार बदल जाता है
पल भर मे ही ईमान बदल जाता है...

प्रेम के मिल जाते ही
फूल बदल जाता है
बदल जाती हैं भावनाएं
वह पुराना दिल बदल जाता है....

मिल जाए यदि कोई पद ऊंचा
तो स्वाभिमान बदल जाता गैर
सच्चाई का अर्थ बदल जाता है
पूजित रहा भगवान बदल जाता है....

परंपराएं हो जाती हैं रूढ़िवादी
ज्ञान का भंडार बदल जाता है
बदल जाते हैं पुराने रिश्ते। सारे
सभ्यता का आदर्श बदल जाता है......

देखकर यह कर्म भी इंसान का
जल्द ही आया हुआ वक्त भी बदल जाता है
बदलते बदलते बदल जाता है सब
वही मानव भी दानव मे बदल जाता है....
...........................
मोहन तिवारी,,मुंबई

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3 Comments

Mohammed urooj khan

06-Nov-2023 12:36 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति

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Reena yadav

03-Nov-2023 10:28 AM

👍👍

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