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सरिता

भारत को खुशहाल बनाएँ, 

समृद्धि फलित आधार हैं।
हर क्षेत्र जीवन विकास है, 
संबल सरिता अपार है।

भारत में पुजती हैं नदियाँ, 
मात रूप सम्मानित हैं।
पवित्र-तारक की मिसाल हैं, 
खुशहाली संचारित है।

गंगा हिम गौमुख से झरती, 
पाप नाशिनी कहलाए।
गंगोत्री स्नान ध्यान से, 
मनुज शुद्धता भर जाए।

नर्मदा के दर्श मात्र से, 
पातक मन के धुल जाएँ।
यमुना माँ यम देव बहन है, 
सूर्य पुत्री कहलाए।

यमुना तीरे बचपन गुजरा, 
श्री कृष्णा की लीलाएँ।
श्रीकृष्ण से ब्याह रचाया, 
कृष्ण भार्या कहलाएँ।

वेद-पुराण, महाग्रंथ सब,
रीति आचमन सृजन करे।
सरस्वती विद्या की देवी, 
ज्ञान के भण्डार भरे।

पहाड़ त्रयंबक से जन्मी, 
दक्षिण गंगा कहलाए।
तिरुचिरापल्ली तीर्थ तीरे, 
समृद्धि में हाथ बटाए।

धर्म भाव से पूरित होकर, 
विमल गौतमी कहलाए।
त्र्यंबकेश्वर तीर्थ इक, 
आदि शिवालय कहलाए।

भूतल पर नदियों की महिमा, 
हरियाली खुशहाली है।
नदियाँ समृद्धि हैं भारत की, 
"श्री" भोजन की थाली है।

स्वरचित- सरिता श्रीवास्तव "श्री"
धौलपुर (राजस्थान)

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3 Comments

Gunjan Kamal

09-Nov-2023 03:11 AM

👌👏

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Reena yadav

08-Nov-2023 03:05 PM

👍👍

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Sarita Shrivastava "Shri"

08-Nov-2023 01:10 PM

👍👍

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