दीपावली
दीपावली भी कुछ अजीब सी हो गई है अब
जख्मी हुई मानवता
बिछड़ रही है सच्चा प्रीत
नशा और जुआं की लत में
अपने ही परिवार को दीपावली के दिन
दुःख देने में लगे हुए है लोग
क्या यही दीपावली त्यौहार की सीख है
दीपावली भी कुछ अजीब सी हो गई है अब।
आया समय खराब है
तेजी से बदल रहें है लोग
नशेड़ियों का रहता है बोलबाला
प्रभु जी भी है मौन
क्या यही दीपावली त्यौहार की सीख है
दीपावली भी कुछ अजीब सी हो गई है अब।
ये कैसी हवा चली है
प्रेम का बीज बोने की जगह
नफरत के कांटे बोने लगे है लोग
गमगीन सा हो जाता है
दीपावली के दिन का माहौल
क्या यही दीपावली त्यौहार का सीख है
दीपावली भी कुछ अजीब सी हो गई है अब।
दीपावली त्यौहार के अवसर पर
कर लें आज ये वादा
रोकना है दीन दुखियों के आंसुओ के शैलाब को
थोड़ी सी उनके भी होठों पर हंसी देना है
किसी के आशियानें की अंधेरे को
दीए की रोशनी से मिटाना है
मानव हो तो मानवता का धर्म निभाना है
दीपावली भी कुछ अजीब सी हो गई है अब।
नूतन लाल साहू
Punam verma
11-Nov-2023 08:55 AM
Very nice👍
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Abhinav ji
11-Nov-2023 08:10 AM
Very nice 👍
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Reena yadav
09-Nov-2023 01:04 PM
👍👍
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