लेखनी कहानी -10-Nov-2023
.......रूठे अल्फाज.....
अल्फाज रूठ से गए मुझ से ,
मानो कहते हों
खफा हू मै तुझसे
गम ए दर्द सुनाऊं
तो आंसू के मोती पलकों पर छलकते
खुशियों के गीत सुनाऊं
तो शहनाई कानों में बजाते
यादों के पन्ने पलटकर देखू,
तो होठों पर खामोशी बैठा देते
यारी की महफिल के सपने सजाऊं
तो अब जिम्मेदारियों के होठ खामोश होजाते
दिल खोलकर यारी निभाना चाहूं
तो लफ्ज़ किसी कोने में छुपकर शरमाते
यादों में खो जाऊं
तन्हा खुदको सजाऊं
तो उसके सपने सजाते,
अल्फाज होटों पर मुस्कुरा जाते
अल्फाज रूठ गए मुझसे
मानो कहते हैं
खफा हूं मैं तुझसे
........................
नौशाबा जिलानी सूरिया
Reena yadav
10-Nov-2023 11:07 PM
👍👍💟
Reply
Naushaba Suriya
18-Nov-2023 06:13 AM
Shukriya 🙏
Reply
Gunjan Kamal
10-Nov-2023 08:09 PM
बहुत खूब
Reply
Naushaba Suriya
18-Nov-2023 06:13 AM
Shukriya 🙏
Reply