Add To collaction

लेखनी कहानी -15-Nov-2023 कविता

*तुम आ जाओ प्रिये*

 ठंडी ठंडी पवन है चलती,
 दिल हिलोरे मेरा लेता है ।
 कहां गई वो मेरी हमसफ़र ,
 जिसके लिए दिल रोता है ।

           नींद है रातों की गायब,
           उड़ चली है हवाओं में ।
           पलकों में है नींद कहां,
           सिमट गई है वफाओं में ।

 खुशबू फैल रही  बागों में,
 चिड़िया चहक रही शाखों पे ।
 दिल में है अब चैन कहां,
 तुम आ जाओ प्रिये बाहों में ।

         *के,के,कौशल,*
      इन्दौर, मध्यप्रदेश

   5
3 Comments

बेहतरीन

Reply

Reena yadav

15-Nov-2023 08:40 PM

👍👍

Reply

Gunjan Kamal

15-Nov-2023 08:37 PM

👏👌

Reply