लेखनी कहानी -15-Nov-2023 कविता
*तुम आ जाओ प्रिये*
ठंडी ठंडी पवन है चलती,
दिल हिलोरे मेरा लेता है ।
कहां गई वो मेरी हमसफ़र ,
जिसके लिए दिल रोता है ।
नींद है रातों की गायब,
उड़ चली है हवाओं में ।
पलकों में है नींद कहां,
सिमट गई है वफाओं में ।
खुशबू फैल रही बागों में,
चिड़िया चहक रही शाखों पे ।
दिल में है अब चैन कहां,
तुम आ जाओ प्रिये बाहों में ।
*के,के,कौशल,*
इन्दौर, मध्यप्रदेश
Shashank मणि Yadava 'सनम'
16-Nov-2023 08:21 AM
बेहतरीन
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Reena yadav
15-Nov-2023 08:40 PM
👍👍
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Gunjan Kamal
15-Nov-2023 08:37 PM
👏👌
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