जीवन का अंधकार
#दिनांक:- 17 नवंबर, 2023,
चलती है जब लेखनी लेकर के तेज रफ्तार।
ज्ञान की गंगा बह रही,खत्म हुआ जीवन का अंधकार।।
काली,नीला,लाल,हरी होते अनेक रंग पास।
ज्ञानी के कर में सजती हूँ भर हिय में हर्ष-उल्लास।।
आभा मिश्रा -कोटा (राजस्थान)
स्वरचित मौलिक रचना है।
Gunjan Kamal
22-Nov-2023 06:14 PM
👏🏻👌
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
18-Nov-2023 07:47 AM
Nice lines
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Reena yadav
18-Nov-2023 06:39 AM
👍👍
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