पवित्र रिश्ते
पवित्र रिश्ते
मैने देखा एक ऐसा रिश्ता प्यारा,
जो था सबसे ज्यादा प्यारा और सबसे अनौखा बंधन।
माता और पिता का प्यार इतना सच्चा और निराला,
जहाँ देखा नही कही और मैने।
मैने देखा माँ का आँचल में बैठ कर,
ऐसा लगा की सारी दुनिया की ख़ुशी मेरे को मिल गई हो।
जैसे -जैसे अपनी माँ का प्यार देखा मैनै
वैसे ही मैने देखा पिता का प्यार ,
पिता का प्यार कुछ ऐसा था कि निःस्वार्थ देखा जी।
मैने देखा जी पिता के प्यार को और देखा अपने दर्द को छुपा कर अपने बच्चो को खुशिया देते हुए,
सच्चा प्यार के रूप मे देखा है तो
अपने माँ और बाप में देखा मैने।
स्वरचित -अंजू सिहं दिल्ली
Gunjan Kamal
22-Nov-2023 06:00 PM
👏🏻👌
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Reena yadav
20-Nov-2023 07:07 PM
👍👍
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