गर्मियों की छुट्टियां
गर्मियों की छुट्टियां
बेटे ने पहले ही मां से कह दिया कि मम्मी पापा से कह देना अबकी बार हम छुट्टियों में गांव नहीं जाएंगें, मेरे सारे दोस्त अच्छी अच्छी जगह छुट्टियों में घूमने जाते हैं और खूब इन्ज्बाय करते हैं और स्कूल खुलने पर वहां की बडी बडी बातें बताते हैं और हां टीचर ने भी होलीडेज होमवर्क में गर्मियों की छुट्टियों के बारे में लिखने के लिए कहा है । पत्नी ने भी सुमेर से कह दिया कि अबकी बार आमोद की गर्मियों की छुट्टियों में किसी हिल स्टेशन पर जाएंगें ,अभी से कार ,होटल, टिकट सब बुक करवा दो, मेरे बस की नहीं है गांव के उमस भरे वातावरण में रहना ,सुमेर सर झुकाये सब सुनता रहा । अपनी भावनाओं की कुचलन रहरह कर दिल में चुभ रही थी उसे ।मां बापू और घर परिवार से मिलने की उत्कंठा में अपने बोझिल जीवन शैली में एक भागदौड़ से भरा बोझिल दिन टांगने के लिए तैयार हो दिन की भागदौड़ में शामिल हो चला । अपने घर आंगन में कुछ सुकून पाने के लिए उसकी नौकरी कठिन चुनौतियों के साथ अच्छे वेतन वाली थी । अच्छे वेतन के सहारे उसकी पत्नी और बच्चे अपने आप को नव धनाढ्य जीवन शैली में ढालने की पल प्रतिपल कोशिश में रहते ।दिखाबे के आवरण में भावनाएं अद्रश्य हो चली थीं ।खिलौनों से खेलने वाली पाखी पापा की लाडली नेअभी दुनिया की चमक दमक में कदम नहीं रक्खा था । आफिस से आते आते रात हो आई थका हारा घर पहुंचा तो घर मे सबका संचालन गैजेट्स के रिमोट से होता हुआ मिला । एक हाथ में पानी का गिलास और दूसरे हाथ में मोबाइल पर वीडियो क्लिप पर ध्यान देती पत्नी ने पानी देने की औपचारिकता पूरी की, दिन भर की थकान उतर जाती अगर कोई मुस्कान के साथ इन्तजार करता मिलता तभी उसकी नन्हीं परी पापा पापा कहकर उसकी गोद में चढ गई, लगा खुशियां सिमट कर उसकी बांहों में भर गई हों ।फ्रेश होकर आया डॉयनिंग टेबल पर सबने साथ बैठकर खाना खाने की औपचारिकता सामने टी वी पर चलते प्रोग्राम देखते हुए की ।
परिवार को व्यवस्थित करने का अर्थ अब बदल चुका है महंगे महंगे गैजेट्स, माडर्न रहन सहन फेसबुकिया फ्रैन्डस जो हमारी अंगुलियों के इशारे पर इधर उधर बिखरे पड़े हैं, पडोसी भी फेसबुक पर अच्छा लगता है साक्षात तो बडा चिपकू घोषित है। मौहल्ले में आधी रात को कोई भी किसी पडोसी की नींद नहीं खराब करता दिक्कतों का समाधान अॉनलाइन ढुंढा जाता है । अच्छी सैलरी होने पर सारी सुख सुबिधाओं को देने वाले उपकरण सुमेर ने इकट्ठे कर लिए पर दिनभर अॉफिस की थकान से थककर जब वह घर आता तो तनमन की थकान उतारने वाला उपकरण वह न खरीद सका वह अपनी नजरों से अपने लिए अपने घर में आत्मिय पल खंगालता और औपचारिकताओं को पूरा कर सो जाता । पहले दिन ऑफिस से ही गर्मियों की छुट्टियों के लिए हिल स्टेशन पर जाने की टिकट होटल और घूमने के लिए कार आदि की बुकिंग आनलाइन करा ली थीं । अगले दिन सुमेर जल्दी जल्दी तैयार हो कर ब्रेकफास्ट कर एक नए दिन को पकडने के लिए जिन्दगी की भागमभाग में शामिल हो चला ।जाते जाते टेबल पर गर्मियों की छुट्टियों के लिए बुक कराई गई टिकट्स के साथ एक खत भी रखकर गया । प्रिय सुष्मिता तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान बनी रहे ऐसा चाहने वाला सुमेर कभी तुमको उदास नहीं देख सकता ।तुम लोगों के लिए गर्मियों की छुट्टियों में हिल स्टेशन पर जाने और रूकने की व्यवस्था मैंने कर दी है।पर एक बार सोचना अपने उन अभिभावकों की भावनाओं के बारे में जिन्होंने हमको एक अच्छा भविष्य देने के लिए अपनी इच्छाओं को दबा दिया ।जब हमारे साथ रहने के लिए हमारे माता पिता आते हैं तब उनके रहन सहन उनकी बोलचाल से तुम असहज हो जाती हो और उनके वापस जाने पर फ्री सा महसूस करती हो ,जब तुम्हारी मां बच्चों को गर्मियों की छुट्टियों में तुमको बच्चों के साथ अपने पास बुलाती है तो तुम्हारा बच्चों की समर क्लासेज के बारे में कहना या गांव में ए सी नहीं है कह उनके पास जाने से मना करना उनकी भावनाओं पर कुठाराघात करने जैसा होता है । पिछले दिनों तुम्हारी मां अस्पताल में थीं तुम्हारे फोन पर तीन चार तुम्हारी मां की मिस कॉल देखकर जब मैंने फोन किया तब पता चलने पर मैं उनके पास चला गया था तुमसे बिजनेस टूर का कहकर गया था चार दिन उनके साथ ही रहा अब वह बिल्कुल स्वस्थ हैं तुमको और बच्चों को बहुत याद करतीं हैं ।गांव में भी मां बापू ने बच्चों की छुट्टियों का इन्तजार शुरू कर दिया है । जरा एक बार सोचना तुम्हारी आशाओं के अनुरूप तुम्हारे बच्चे सफलता की पींगें भरेगें तब तुम्हारी आशाएं भी उनसे जुड़ जाएंगी। मैं सपने में भी नहीं सोच सकता कि हमारे बच्चे अपनी निजी व्यस्तताओं में तुम्हारे लिए समय न निकाल पाएं, तुम बच्चों की प्रतीक्षा करती रहो और बच्चे नीले वितान में अठखेलियाँ खाएं ।हो सकता है हमारा रहन सहन हमारी जीवन शैली बच्चों की जीवन शैली से पिछड़ जाए और तुम्हारे चेहरे पर खिलती मुस्कान मलिन पड जाए मैं तुम्हारे चेहरे पर सदैव मुस्कराहट रखना चाहता हूँ ।इसलिए मैं अपने बच्चो को अपने माता पिता के साथ समय देने का संस्कार देना चाहता हूँ । तुम्हारा सुमेर
दोपहर में सुमेर के फोन पर फ्लाइट की टिकट कैंसिल करवाने की डिमांड आ चुकी थी और गांव जाने वाली गाड़ी की रिजर्वेशन की टिकट की फोटो भी आ चुकी थी ।फोन को देख देखकर उसके मनमष्तिष्क पर चढ़ी थकान की परत रिसरिसकर बहती जा रही थी, अपनी जड़ों में आज मजबूती देख रहा था सुमेर और बहुत हल्का महसूस कर रहा था । आज घर वापसी पर कोई थकान न थी घर की आबोहवा में भीनी भीनी सुगंध बहक रही थी ।
जया शर्मा प्रियंवदा
Rupesh Kumar
19-Dec-2023 09:17 PM
V nice
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Shnaya
19-Dec-2023 11:19 AM
Nice one
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Alka jain
19-Dec-2023 10:48 AM
Nyc
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