लेखनी कहानी -02-Dec-2023
........ बीते लम्हे.......
खोली जब आज कुछ पुरानी चिट्ठियां
जिनमे महफिल बीते लम्हों को सजाई थी
मानो वक्त की इजाजत थी
लम्हों ने की हमारी हिफाजत थी
उगता हुआ सूरज,
और ढलती शाम देखकर,
मुस्कुराए थे
जीवन के कुछ हसीन पल ,
संग हमने बिताए थे
एक दूजे को यादों में हम बसाए थे
खिलखिलाती हंसी के पीछे
होठों पर जमी एक बात थी
अजीब से थे वो दिन ,अजीब सी रात थी
काश !
उन लम्हों को दुबारा जी लेते हम
फिर से कुछ हंस लेते कुछ मुस्करा लेते हम
सपनो की मंजिल ढूढने चले तो हैं हम
मगर पुराने लम्हों की यादों से आंखे हैं नम ।।
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नौशाबा जिलानी सुरिया
Gunjan Kamal
05-Dec-2023 11:27 PM
👏👌
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Naushaba Suriya
06-Dec-2023 03:12 PM
Shukriya 🙏
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Reena yadav
02-Dec-2023 07:02 PM
👍👍
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Naushaba Suriya
02-Dec-2023 11:47 PM
Shukriya 🙏
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