बहादुरी
बहादुरी
यारों हम यूं तो नाजुक हैं
पर लोग बहादुर कहते हैं।
जब अंधियारे बढ़ जाते है
तब अपने प्राण खिसकते हैं
जब चूहे खट पट करते है
हम झटपट से बिस्तर में घुस जाते हैं।
गर खड़ा गली में कुत्ता हो
ये सोच के हम मूड जाते हैं
अब कौन जो इसके मुंह लगे
उसके दांतो से ज्यादा हम इंजेक्शन से डर जाते हैं।
यूं तो घर के हम मालिक हैं
बस बीवी से घबराते हैं
हो मूड खराब जो उनका तो
कुछ कहने से कतराते है
मिला कर उसकी हर बात मे हां अपनी जान बचाते हैं।
यारों हम यूं तो नाज़ुक है
पर लोग बहादुर कहते हैं।।
आभार - नवीन पहल - २०.१०🌹👍🙏😀
Ankit Raj
21-Oct-2021 07:57 AM
Wahh nice
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Niraj Pandey
20-Oct-2021 07:15 PM
गजब की बहादुरी है😅😅🤣🤣
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ऋषभ दिव्येन्द्र
20-Oct-2021 06:59 PM
मजेदार रचना 👌👌👌👌
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