तीता तीता थू थू





पुर्णिका _ तीता तीता थू थू।

मिले जो पीने को मीठा मीठा गट गट तिता तिता थू थू।
हो जो मन की बहुत अच्छा मिले फीका फीका थू थू।

हारे तो हार की समीक्षा और आत्म मंथन की जरूरत है।
खुद की खीर मीठी दूसरे की रसमलाई तीखा तीखा थू थू।

ऊंची उड़ान पतंग की हो डोर कटे फिर जमीन आती है।
छोड़ा जमीन गिरा कोई उड़े पकड़ जमीन सीधा सीधा थू थू।

मौका मिला तो किया नही दूसरा करे भला तो करने न दो ।
खुद की खामियां का ठीकरा फोड़ों गैरों लीखा लिखा थू थू।

 आता नही है तो सिख लो कर के सबसे बेहतर दिखाओ ।
नाच न आए आंगन टेढ़ा उसने सबसे सिखा सिखा थू थू।

श्याम कुंवर भारती
बोकारो,झारखंड




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सुन्दर सृजन

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Gunjan Kamal

05-Dec-2023 11:43 PM

👌👏

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