तेरी याद
बिरह गीत _ तेरी याद।
देखो शाम ढली ठंडी हवा चली।
और तेरी याद आने लगी ।
सांझ दीप जली खिली दिल की कली।
और तेरी याद आने लगी।
जब भी ढलती है सुहानी शाम ।
लबों लरजते है इश्क के जाम।
दिल गुदगुदाए तू बन मनचली
और तेरी याद आने लगी।
लहराता है सांझ का ढलता आंचल।
गहराता है जैसे तेरे आंख का काजल।
दिखाई देता है तेरा चेहरा हर गली।
और तेरी याद आने लगी।
हर आहट पे चौंक जाता हूं मैं।
पर तुझे कही नही पाता हूं मैं।
मेरा इश्क जैसे कली अधखीली।
और तेरी याद आने लगी।
सुनाई देता है साज तेरे पायल का।
तू सुनता नहीं आह इस घायल का।
तेरी चाहत भारती दिल में है पली।
और तेरी याद आने लगी।
गीतकार
श्याम कुंवर भारती
बोकारो, झारखंड
मो.9955509286
Shashank मणि Yadava 'सनम'
06-Dec-2023 09:51 PM
बेहतरीन अभिव्यक्ति
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Gunjan Kamal
05-Dec-2023 11:41 PM
👌👏
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