साजिश-ए-इश्क लेखनी प्रतियोगिता -09-Dec-2023
साजिश- ए- इश्क
सारिका आज फोन पर आकाश के साथ भागकर जाने का प्लान बना रही थी। इसकी भनक उसके पापा को लग गई क्यौकि रविशंकर ने उन दोनौ की पूरी बात सुन ली थी। आज रविशंकर के ह्रदय पर बहुत चोट लगी और सन्न रह गये। पहले तो वह अपना सिर पकड़कर बैठ गये और सोचने लगे कि जिस बेटी के लिए मैने अपना पूरा जीवन दाँव पर लगा दिया वही बेटी उसको धोका देकर एक अजनवी के साथ भागना चाह रही है।
रविशंकर की पूरी रात जागते हुए ही बीती। जब भी कोई आवाज होती तब वह उठकर देखते कि शायद सारिका के जाने की आवाज है। कुछ समय जब उन्होंने देखा कि सारिका वास्तव अपना बैग लिए गेट पर खड़ी है तब वह सारिका के पास पहुँचे और बोले ," बेटी इतनी रात को अकेली कहाँ जारही हो ? मुझे बताती मैं स्कूटर से छोड़ देता?"
अचानक पापा को देखकर वह सकपका गई और बोली," आज कालेज का टूर जारहा है आकाश भी जारहा है । कुछ देर में वह लेने आजायेगा। आपको छोटी सी बात के लिए परेशान करना उचित नहीं समझा।"
सारिका ! एक झूंठ कौ छिपाने के लिए बहुत झूंठ बदलने पड़ते है।मुझे मालूम है कि तू आज आकाश के साथ मुझे छोड़कर भागकर जारही है। मैंने रात को तेरी सारी बातें सुनली थी। पहले तो सोचा था कि जाने दो इसीलिए गेट पर ताला भी नहीं लगाया था। क्यौकि किसी के साथ जोर जबरदस्ती करने का क्या फायदा? सभी को अपनी जिन्दगी जीने का अधिकार है। परन्तु दिल नहीं माना और मैं तुझे पूछने चला आया। तू अपनी समस्या मुझे तो बताती यदि मैं नहीं मानता तब इतना बड़ा कदम उठाती। शायद मेरी परवरिश में कोई कमी रह गई जिसकी सजा मुझे देना चाहती है"
" नहीं पापा ऐसी बात नहीं है आकाश बहुत अच्छा लड़का है। मैं उससे ही शादी करना चाहती हूँ। मुझे डर था कि आप हमारी बात नहीं मानोगे इसीलिए हम दोंनों ने भागकर शादी करने का प्रोग्राम बनाया था।", सारिका रोती हुई बोली।
रविशंकर सामान्य होते हुए बोले , "ठीक है मै तुम्हारे साथ मिलकर उसकी परीक्षा लेना चाहता हूँ तभी तुम्हारा विवाह आकाश के साथ करदूंगा। कहो मंज़ूर है ?"
सारिका चहकते हुए बोली ,"हाँ मंज़ूर है मुझे ।क्योंकि आकाश से अच्छा जीवन साथी कोई हो ही नहीं सकता वह हर परीक्षा में सफल होगा ।आप नहीं जानते पापा आकाश को !
रविशंकर ने अपनी बेटी को समझाया और उसे फोन करने को कहा।
सारिका आकाश को फोन करती हुई बोली," आकाश मुझे यहाँ कुछ भी हासिल नहीं हुआ क्योंकि पापा को मुझपर कोई शक होगया जिससे उन्होंने चाबी छिपाकर रखदी अब तुम ही अपने घर से कुछ ले आना। मै तुम्है अपने घर के बाहर मिल जाऊँगी ।"
आकाश दहाड़ता हुआ बोला," सारिका पागल होगई है मैने तुझे पहले ही समझाया था कि मैं कुछ नहीं ला सकता हूँ। मैं केवल जान दे सकता हूँ। हम घर से भागकर बिना पैसे के भीख मांगेंगे क्या? घर से निकलते ही पैसौ की कितनी जरूरत होगी। और एक तुम हो कि एन वक्त पर हाथ हिलाकर खड़ी हो। हमारे पास कम से कम एकदो महीने का इन्तजाम होना चाहिए । नये शहर में कोई जान न पहचान। भागने चली थी।"
"अब क्या होगा ? " सारिका बात को आगे बढ़ाते हुए बोली।
आकाश हवा में बात उडाता
हुआ बोला," होगा क्या ? घर में बैठो फिर कभी देखेगे। आज का प्रोग्राम कैन्सिल?"
अब सारिका भी सब समझ गई और बोली," मिस्टर आकाश अब सारिका को भूल जाना तुम्हारी नीयत कैसी है मुझे मालूम होगई? प्रेम का दावा करता है । बदतमीज़ ये जान ले कि मैं वो अंधी प्रेमिका नहीं जो पिता की इज्ज़त की धज्जियाँ उड़ा कर ऐय्याशी करती फिरूं .कौन से सपने सच हो जायेंगे जब मेरे भाग जाने पर मेरे पिता जहर खाकर प्राण दे देंगें !मैं अपने पिता की इज्ज़त नीलाम कर तेरे साथ भाग जाऊँ? इससे समाज में और ससुराल में मेरी बड़ी इज्ज़त होगी ?क्या ससुराल वाले अपने सिर माथे पर बैठायेंगें? हमें रहना तो इसी समाज में हैं ।घर से भागकर क्या आसमान में रहेंगें ? है कोई जवाब तेरे पास? भला हो मेरे पापा का जो उन्होंने वक्त पर आगाह कर दिया नहीं तो मैं भी किसी सूटकेस में मिलती? ये प्रेम नहीं केवल जाल है जिसमे फंसकर मुझ जैसी हजारों लडकियां अपना जीवन बर्बाद कर डालती हैं !! मैं ऐसे प्रेम सम्बन्धौ को साजिस -ए-इश्क का नाम देती हूँ।" इतना कहकर सारिका ने फोन काट दिया।
सारिका अपने पापा से लिपटकर रोने लगी और बोली," पापा आपने मुझे बहुत बड़ी साजिस से बचा लिया। मैं आपका किन शब्द से शुक्रिया अदा करू?"
रविशंकर बोले," नहीं बेटी इसमें शुक्रिया की क्या बात है? हर माँ बाप को अपने बच्चौ को सही रास्ते पर देखकर जो खुशी मिलती है वह सबसे बड़ा शुक्रिया होता है।"
इस समाज में हर रोज झूठे प्रेम जाल में फसकर कितनी ही सारिका अपना जीवन बर्बाद करती है । इनसे सावधान रहना बहुत जरूरी है।
आज की दैनिक कहानी प्रतियोगिता हेतु।
नरेश शर्मा " पचौरी "
Milind salve
14-Dec-2023 06:59 PM
Nice
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Varsha_Upadhyay
14-Dec-2023 06:17 PM
शानदार
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Aliya khan
10-Dec-2023 12:07 AM
सही कहाँ सर शिक्षप्रधान कहानी है आपकी जिस तरफ सारिका को एक सीखा मिली ऐसे ही समाज मै हर उस लड़की को मिले जो झूठे वादों को सच समझ कर परिवार की इज़्ज़त को ताक पर रख कर itna बड़ा कदम उठा लेती है
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