Neeraj Agarwal

Add To collaction

लेखनी कहानी -09-Dec-2023

शीर्षक - साजिश एक इश्क आज दीपक जीवन में बहुत खुश था। और वे सरिता से मिलने की खुशी में बहुत जल्दी अपनी मोटरसाइकिल पर चला जा रहा था और खुशी के गीत गुनगुनाते हुए चला जा रहा था। सरिता और दीपक एक ही गांव की साथ बड़े हुए और पढ़ने लिखने में दोनों होशियार थे परंतु दीपक सीधे स्वभाव का और जल्दी विश्वास करने वाला लड़का था परंतु सरिता इतनी तेज दरार और जीवन में आगे बढ़ाने की बहुत इच्छा थी परंतु गांव से निकलने के लिए उसे कोई ना कोई सहयोग तो चाहिए था तो उसने दीपक को अपने जीवन का मोहरा बना लिया इस बात से बेखबर दीपक सरिता के विश्वास में खुश था। क्योंकि दीपक एक सीधे स्वभाव का लड़का और गांव की लड़की सरिता का विश्वास भी था। मलंग ही सरिता दीपक का इस्तेमाल अपने स्वार्थ के लिए कर रही थी। साज़िश ए इश्क में सब कुछ जायज होता हैं ऐसा सरिता की सोच थी। दीपक अपने काम में बहुत सुलझा हुआ था। दिल में सरिता के लिए तरह-तरह के अरमान सजाए हुए अपनी मोटरसाइकिल पर सरिता के लिए गिफ्ट और उपहार लेकर जा रहा था। क्योंकि दीपक को यह विश्वास था के सरिता उसे बेहद दिल और जान से चाहती है परंतु दीपक को यह यकीन भी नहीं था और सोच भी नहीं सकता था कि सरिता भी साजिश ए इश्क कर सकती है। क्योंकि दीपक और सरिता एक दूसरे के साथ कई बार पति-पत्नी का संबंध कर चुके थे और अब दीपक सरिता के बुलाने पर यह सोचकर जा रहा था कि सरिता अब उससे शादी करना चाहती है और छुप छुप कर मिलकर वह भी परेशान हो चुका था। बस इसी बात को सोच कर खुश होता हुआ सरिता से मिलने उसके कमरे पर जा रहा था और जो उपहार सरिता के लिए थे दिल और बड़े प्यार से कभी-कभी उनको देखा और फिर मोटरसाइकिल की रफ्तार बड़ा देता था। बस ऐसे ही रास्ता कट गया और वह सरिता के कमरे पर अपनी बाइक रोक देता है और वह सरिता के कमरे की ओर बढ़ता है तो उसकी नजर उसी के कॉलेज में पढ़ने वाले एक लड़के अमन की कार पर पड़ती है। दीपक अमन की कार को देखकर सच में पड़ जाता है। और जब है सरिता के कमरे की ओर बढ़ता है तो वह कुछ दूर से ही सरिता के कमरे से जोर-जोर से हंसने और छेड़छाड़ की आवाज सुनता है। और वह हिम्मत करके फिर भी सरिता के कमरे को खटखटाता है। और सरिता मुस्कुराते हुए दरवाजा खोलती है और दीपक को देखकर कहती है और तुम आ गए और दीपक जो साथ में उपहार लाया था वह सरिता को देता है और सरिता से कहता है यह तुम्हारे लिए लाया हूं सरिता बेमन अंदाज से उपहार लेकर एक कोने में रख देती है और कहती है दीपक यह अमन और यहां इस शहर में उनकी एक अच्छी जेवरात की दुकान है और मैं तुम्हें इनसे मिलने के लिए बुलाया है और यह कहती हुई सरिता अंदर किचन में चाय और नाश्ता लेने चली जाती है और अमन और दीपक आपसे में बातें करते हैं। बातों बातों में अमन दीपक से कहता है की सरिता और हम बहुत जल्द शादी करने वाली यह सुनकर दीपक कुछ अटपटे अंदाज में कहता है यह कैसे हो सकता है तभी सरिता चाय नाश्ता लेकर आ जाती है और दीपक से कहती है क्यों ऐसा क्यों नहीं हो सकता दीपक सरिता से कहता है तो वह वादे वह हमारे गुजारे पल वह सब क्या झूठ था सरिता बात को बदलते हुए कहती है। अभी तो आप दोनों चाय पीजिए और बातें बाद में हो जाएगी और मुस्कुराते हुए मैं चाय का कप दीपक की ओर बढ़ा देती है और दीपक इस कब को अपना हक समझ कर और विश्वास से हाथ में ले लेता है और दूसरा कप अमन को दे देती है और अपने कपड़े लेकर तीनों चाय और बिस्कुट नाश्ता करने लगते हैं चाय पीते पीते दीपक कहता है मेरे गले में कुछ जकड़ंशी हो रही है तब सरिता हसंती है। और कहती है कि ऐसा लगता है चाय में जहर मिल गया था और वह चाए तुमने पी ली। दीपक लाड लड़ाई हुई जवान में कहता है साजिश ए इश्क में इतनी गिर जाऊंगी तुम सरिता यह मैंने सोचा भी नहीं था। तब अमन कहता है तुम ही तो हम दोनों के रास्ते का कांटा थे जो सरिता और हमने मिलकर दूर कर दिया है बस दीपक दरवाजे की ओर भागता है परंतु चाय में मिले जहर में अपना काम कर दिया था। सरिता और अमन दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे। और दीपक उनके सामने पड़ा तड़प रहा था कुछ देर बाद दीपक की सांस थम गई और सरिता अमन की साजिश ए इश्क की कामयाबी पर दोनों हम बिस्तर होकर खुशी का इजहार करते हैं और अमन और सरिता दोनों कमरे में ही गड्ढा खोदकर दीपक की लाश को एक लोहे के संदूक में बंद करके वहीं दबा देते हैं। साज़िश ए इश्क को अंजाम देकर सरिता और अमन मुस्कुराते हुए मकान मालिक को उसकी चाबी देकर कहते हैं हम अब किराए के कमरे पर नहीं रह सकते और हम अपने घर जा रहे हैं और यह किराया और यह चाबी अपने पास रखिए और अमन और सरिता दोनों चुपचाप बिना कुछ बताएं शहर में गुम हो जाते हैं और दीपक साजिश ए इश्क की बलि चढ़ चुका होता है। सच जीवन में साजिश ए इश्क एक कल्पना और हकीकत से जुड़ी सच कहानी है परंतु अगर इस कहानी में किसी को या किसी पाठक को एहसास हो तो यह कहानी एक कल्पना के साथ समझी जाए। की जीवन में साजिश ए इश्क भी होता हैं।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

   21
4 Comments

Shnaya

15-Dec-2023 05:31 PM

Nice one

Reply

Milind salve

15-Dec-2023 02:56 PM

V nice

Reply

Varsha_Upadhyay

14-Dec-2023 11:37 PM

Nice

Reply