तन्हा सफर

मुक्तक _ तन्हा सफर।

ठंड भरी सर्द रात में तन्हा सफर होता नही राहगुजर।
हो जाता सफर ये सुहाना मिल जाता तेरा साथ अगर।
जिंदगी भी ठहर कर कही रहने भी तो नही देती मुझे।
तेरे आने का वादा हो इंतजार तेरा कर लूं मैं शाम सहर।

श्याम कुंवर भारती

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4 Comments

बेहतरीन

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Rupesh Kumar

11-Dec-2023 06:30 PM

शानदार

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Madhumita

11-Dec-2023 06:15 PM

Nice

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