Dilawar Singh

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आरम्भ - लेखनी प्रतियोगिता 12-Dec-2023

आरम्भ


आरंभ हो 

प्रचंड हो 

भेद दो 

लक्ष्य को

 ठान लो 


मैदान में डेट रहों 

चट्टान बन खड़े रहों

मुश्किलों को खदेड़ दो

निरंतर बढ़ते रहो


उठो 

जागो 

दौड़ने को 

तैयार हो


जीत लो 

हारी हुई 

बाजियों को


तुम ही हो 

जो भाग्य को 

कर्म से 

पलट दो


हर्षो उल्लास हो

आरम्भ का शंखनाद हो 

खुद पर गर विश्वास हो 

विजय श्री साथ हो 


मुश्किलों को 

पटखनी दो 

प्रतिद्वंदियों को

 पछाड़ दो 


कर्म पथ पर 

सत्य सा सर्वदा

 अडे रहो 

डटे रहो


🙏🙏🙏🙏

दिलावर सिंह 

#प्रतियोगिता हेतु 




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4 Comments

बेहतरीन

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Rupesh Kumar

12-Dec-2023 04:11 PM

V nice

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सुंदरतम अभिव्यक्ति।

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Dilawar Singh

12-Dec-2023 04:16 PM

आदरणीय बहुत-बहुत आभार 🙏 धन्यवाद

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