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संत संगत

साधू संगति संत की,

मिले जीवन सफल हो जाए।

जैसे पारस की संगत में,

लोहा र्स्वण बन जाए।

संत स्वभाव सरल चित्त,

करते सबका उद्धार ।

र्निमल मन करुणा अथाह,

करते सब जीवों का कल्याण।

संतो की से सेवा जो मन से करें,

वो भव से पार हो जाए।

जन्म मरण के फेर से,

मुक्ति उन्हे मिल जाए।

मोह का तिमिर मिटाकर के,

जो ज्ञान (भक्ति) अलख जलाते हैं।

उन संतों की करें वन्दना,

जो इश्वर से हमे मिलाते हैं।

रूबी चेतन शुक्ला

अलीगंज

लखनऊ

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13 Comments

Rubi Chetan Shukla

21-Dec-2023 03:14 PM

जी धन्यवाद

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Rupesh Kumar

19-Dec-2023 09:09 PM

V nice

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Rubi Chetan Shukla

21-Dec-2023 03:11 PM

जी धन्यवाद

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