Add To collaction

रिश्ते




गीत
     विषय रिश्ते

 रिश्ते हैं अनमोल अमर ये,
 इन्हें संभाले रखना है ।
भला बुरा जो भी कहते हैं ,
इन्हें सजाए रखना है ।

रिश्तो का सम्मान सदा ही ,
जो भी मानव करता है ।
अनमोल सफल वह होता प्राणी ,
 सदा अमर वह रहता है ।

रिश्तो का अपमान जो करते ,
सदा घुटन में जीते हैं ।
 तन मन और समाज सभी से,
उनके भाजन रीते हैं। 

जिनके रिश्ते जितने मधुरम ,
 मधुरम उतना दिल होता । 
हार नहीं होती है उनकी ,
नहीं कभी भी वह रोता ।

कोई विपदा ऑन पड़े जब ,
जग खड़ा दिखाई देता है। 
आसानी व सहज भाव से ,
 विजय प्राप्त कर लेता है। 

पिता पुत्र का रिश्ता देखो ,
 सदा हिमालय दिखता ।
बाल न बांका होता सुत का ,
 गजब कहानी वह लिखता। 

 ममतामयी माता का मानो,
रिश्ता निश्चल होता है ।
 गंगा गो गायत्री भारत ,
 तन मन धन सब देता है। 

रिश्ता बड़े भाई संग सच्चा ,
रण अपने सिर लेता है ।
पालन पोषण सुत सा करता ,
निर्भय हो जग सोता है। 

रिश्ता अनुज संग जो बेहतर ,
 सेवा व सत्कार मिले ।
 भरत भाई सा राजपाट तज,
 त्याग तपस्या फूल खिले। 

रिश्ता बहन भाई का पावन 
अवसर में संग देता है ।
मर कर अमर हरदौल सा भाई,
आकर कनहर लेता है। 

पति पत्नी का रिश्ता होता ,
इक सिक्के के दो पहलू ।
एक दूसरे का हित साधे ,
इक साधे दो को चुन लूं ।

 सखा भाव का रिश्ता ऐसा ,
लेना देना बिन समझे ।
मांगा नहीं दिया है सब कुछ,
कृष्ण सुदामा है सुलझे ।

 रिश्तो का यह ताना बाना ,
सभ्य समाज बनाता है ।
चहुं दिस मंगल गीत खुशी के ,
 रोग शोक नहिं पाता है। 

कह "अनजान" बनाओ रिश्ते ,
 जग रिश्तो से भाता है। 
सुख संपत्ति का मालिक होता ,
 अंत स्वर्ग को जाता है ।

स्वरचित व मौलिक। 
डा राम भरोसा पटेल अनजान 
छतरपुर मध्य प्रदेश।





   28
6 Comments

बहुत ही सुंदर तरीके से रिश्तों को परिभाषित किया है,, सही ही है रिश्तों का तानाबाना ही समाज का निर्माण करता है

Reply

Milind salve

20-Dec-2023 10:44 AM

Good

Reply

Gunjan Kamal

20-Dec-2023 10:35 AM

👏👌

Reply