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मुस्कान

आज दिनांक २२.१२.२३ को प्रदत्त विषय,' मुस्कान ' पर प्रतियोगिता वास्ते मेरी प्रस्तुति:
मुस्कान:
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दिन भर मुस्कान सजी रहती तुम कितनी सुन्दर लगती हो,
अंग,अंग हर्षित सा लगता, मानो सुख की वर्षा करती  हो 

हिय मे ग़म हो,लब पे तबस्सुम, आत्म विश्वास जगा देती,
शत्रु भावना को भी मित्रो एक मुस्कान हरा देती।

तन की ही नहीं हृदय की भी ये सुन्दरता बढ़ाती है,
दिन भर मुस्कान फेंकने वालों की, सहृदयता बढ़ाती है।

मुस्कुराते रहो, ईश भजते रहो,सफ़ल होगा तुम्हारा अभियान साथियो,
न रखो कटुता हृदय मे सफल होंगे सब काम साथियों।

आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़

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5 Comments

Gunjan Kamal

22-Dec-2023 05:47 PM

👏👌

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Reyaan

22-Dec-2023 05:40 PM

V nice

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Alka jain

22-Dec-2023 05:38 PM

Nyc

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