खिदमत
[ खिदमत ]
बस से सिकंदराबाद उतरते ही यूसुफ साहब ने ऑटो रिक्शा लिया और तिल गांव पहुंचे ।
गांव पहुंचकर घर को पैदल ही चल दिए, जाते जाते रास्ते में जब यूसुफ साहब ने देखा कि बहुत से मदरसे के बच्चे
सादा कपड़ो में सर्दी की इस ठंड में इल्म हासिल कर रहे है यह देख कर उनसे रहा नही गया ।
बच्चे ठंड से ठिठुरते और गर्म जगह की तलाश करते लेकिन ऐसा कर पाना उनके लिए नामुमकिन था
गरीब घराने से आए यह नादान बच्चे रोज यूहीं कुर्ता पायजामा पहनकर आते और इल्म हासिल करते और चले जाते कुछ मदरसे में ही रहन सहन करते लेकिन पर्याप्त साधन न होने के कारण मजबूरन वह इस ठंड का सामना करते दिखाई देते ।
यूसुफ साहब घर गए और मुनीरी फाउंडेशन के अपनी संस्था से जुड़े कुछ साथियों से फोन पर राय मशवरा किया कि बच्चो के लिए कुछ जरूरियाती सामान लिए जाए ।
संस्था के अध्यक्ष ए डी खान जी ने अनुमति देने में देर नहीं की
और फिर दिल्ली से कुछ गर्म जैकेट, स्वेटर, शाल, और जरकिन आदि ले लिए ।
यूसुफ साहब को मदद करने का बहुत शौक था उन्हें जब भी कोई जरूरतमंद दिखाई देते वह उनके लिए कुछ न कुछ करने दौड़ पड़ते ।
अगली सुबह ही यूसुफ साहब संस्था के अध्यक्ष और अन्य सदस्यो के साथ मदरसे पहुंचे और इल्म हासिल करने वाले हर बच्चे को सर्दी की इस बेतहाशा ठंड से बचाने के लिए स्वेटर , जरकीन, शाल व कंबल उपहार स्वरूप खिदमत की ।
सभी बच्चो के चेहरे पर खुशी की झलक साफ दिखाई दे रही थी यूसुफ साहब भी खुश थे कि उनके द्वारा खिदमत करने का एक अच्छा मौका मिला ।
सच है दुनिया में बहुत लोग है जो किसी न किसी जरूरतमंद की हमेशा मदद करते है अल्लाह कोई न कोई जरिया बना ही देता है जिससे हर एक जरूरतमंद की मदद हो जाती है ।
ऐसे ही बहुत से समाज सेवक है लोगो ने देखे होंगे जो किसी न किसी तरह समाज में रहते हुए लोगो मदद करते नजर आते है ऐसे ही एक समाज सेवक यूसुफ साहब के किस्से से रूबरू कराती एक कहानी । " खिदमत "
- गुड्डू मुनीरी सिकंदराबादी
Gunjan Kamal
28-Dec-2023 10:31 PM
👏👍
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Rupesh Kumar
28-Dec-2023 08:49 PM
बहुत खूब
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नंदिता राय
28-Dec-2023 08:44 PM
V nice
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