नाराजगी
[ नाराजगी ]
एक झुमकी का सवाल था
जो मैं तुझे दिला नही पाया.....।
इतना भी मुझसे नही हुआ
तेरी झुमकी के लिए कमा नही
पाया..... ।।
तू नाराज है मुझे मानता हु मै
तेरी ख्वाहिश को जनता हु मै ...।
कल तक तो मैं अधूरा था
अब खुद को बुरा मानता हु मै...।।
तेरे दर्द का समझता हूं मैं
तेरी आंखों में छिपा प्यार जानता हूं...।
मैं और कितना कमा सकता हूं मैं
अपने खुद की हद को जानता हूं मैं...।।
मत बोल तू मुझसे कोई बात नही
कब तक रूठेगी जानता हूं मैं ....।
एक दिन तो जरूर ले आऊंगा
तेरी झुमकी इतना तो जानता हूं मैं...।।
- गुड्डू मुनीरी (सिकंदराबादी)
- दिनांक : २९/१२/२०२३
Gunjan Kamal
31-Dec-2023 11:14 AM
👏👌
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Reyaan
30-Dec-2023 11:25 AM
Nyc
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Shnaya
30-Dec-2023 10:29 AM
Nice one
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