माँ
माँ
ममता की सागर है मां ।
करूणा की गागर है मां ।।
दिल की भोली होती मां ।
सब पे ममता बरसाती मां ।।
भाग्यशाली है वे लोग,
जिनके घर में होती मां ।
अपने वो भूखी रखकर,
बच्चों को खिलाती मां ।।
कदम-कदम मिलाकर चलती,
सुख-दुख में मुस्कुराती मां ।
बच्चों की इच्छा पूरी करती,
कठिन परिश्रम कर जाती मां ।।
बच्चे हैं यह क्यों भूल जाते,
थके होने पर खाना बनाती मां।
संघर्ष की व उदाहरण,
मंदिर की है मूरत मां ।।
बोलना,चलना,पढ़ना,सीखाती,
जीवन का भेद बताती मां ।
तेरा ही तो अंश हूं,
तू ही जीवन दाता मां ।।
मां नहीं तो दुनिया नहीं,
सृष्टि का निर्माता मां ।
सब लोग यह कहते हैं,
जग की जननी होती मां ।।
✍🏻Writen by-Ankit Raj.
Bittu Raj
07-May-2022 03:49 PM
Nice👍👏😊
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Govinda kumar prajapati
31-Oct-2021 09:53 AM
Nice
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Zakirhusain Abbas Chougule
28-Oct-2021 09:51 AM
Nice
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