तिलस्मी किला का रहस्य

कहानी _ **तिलस्मी किला का रहस्य**

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

प्रताप कड़कड़ाती ठंड में देर रात स्टेशन पर उतरा।कुहासे की वजह से ट्रेन काफी देर से पहुंची थी।जो ट्रेन ट्रेन दिन के बारह बजे पहुंचने वाली थी वो रात के दस बजे पहुंचे थी।
भूख प्यास और थकान से उसका हाल बेहाल हो चुका था।बिलंब होने की वजह से ट्रेन में खाने पीने की चीजे भी सही नही मिल रही थी।स्टेशन पर भी बासी तासी खाने का सामान महंगे दर पर मिल रहा था।
उसने सोचा स्टेशन से बाहर निकलकर किसी अच्छे से होटल में खाना खायेगा फिर ठहरने के लिए कोई होटल में कमरा ले लेगा ।कल सुबह भारतीय सर्वे विभाग में सर्वे ऑफिसर के पोस्ट के लिए बहाली हेतु लिखित परीक्षा थी ।
स्टेशन से बाहर निकलकर प्रताप ने एक साफ सुथरे रेस्टुरेंट में जाकर मनपसंद खाना खाया । खाना खाने के बाद उसे बड़ी राहत महसूस हुई।
उसने एक रिक्से वाले से कहा _ मुझे किसी सस्ते और साफ सुथरे होटल में ले चलो।
रिक्से वाले ने कहा _ थोड़ी दूर पर ही एक स्वागत होटल है ।पचास रुपए किराया लगेगा।
चलो ठीक है ।प्रताप ने कहा ।रात अधिक होने की वजह से ठंड काफी बढ़ गई थी ।हालांकि उसने ऊनी स्वेटर मफलर और टोपी पहन रखा था,फिर भी ठंड कम नही हो रही थी ।उसने अपने बैग से एक ऊनी चद्दर निकाला और अपने शरीर को ढकते हुए ओढ़ लिया।
इस शहर में पहले से ही इतनी ठंड पड़ रही है या आज ही पड़ना शुरू हुई है ।उसने कांपते हुए रिक्से वाले से पूछा।
दो तीन पहले काफी बारिश हुई थी साहब।उसके बाद कल से काफी ठंड बढ़ गई है।रिक्से वाले बताया।हालांकि रिक्से वाला भी ठंड से सिहर रहा था।
तभी सड़क के किनारे एक चाय की दुकान दिखी जहां लोगो को काफी भीड़ थी ।बगल में नगर निगम की तरफ से लकड़ी का अलाव जल रहा था जिसके चारो तरफ लोग आग सेंकते हुए चाय की चुस्की भी ले रहे थे।प्रताप ने रिक्सा रुकवा और उतर कर दो चाय लिया।मिट्टी के प्याले में गर्म गर्म चाय की सोंधी महक बहुत अच्छी लगी उसे।
उसने एक कप रिक्से वाले को दिया और एक खुद पीते हुए अलाव के पास जाकर आग सेंकने लगा।तुम भी आग सेंक लो तुम्हे भी ठंड लग रही होगी।
चाय की एक चुस्की लेकर रिक्सवाले वाले ने कहा_ आप जल्दी चलिए साहब मैं रात में ही रिक्सा  चलाता हूं ।अभी और कई ट्रेन आने वाली है ।सभी ट्रेन लेट चल रही है।कोई और सवारी मिल जायेगी।
प्रताप ने जल्दी जल्दी चाय खत्म किया और कहा _ ठीक है चलो मुझे भी कोई कमरा लेना है।
वो अभी रिक्से पर बैठने ही वाला था की तभी एक लड़की रिक्से से वहा पहुंची और वो भी ठंड में ठिठुरते हुए रिक्से को रुकवाकर चाय लेकर आग सेंकने लगी।
रुकसेवाला अपने रिक्से पर ही बैठा रहा।
प्रताप ने उस लड़की को एक नजर देखा वो बहुत ही सुंदर और स्मार्ट लग रही थी ।उसके सिर पर गुलाबी ऊनी टोपी बहुत जच रही थी ।लंबी नुकीली नाक और गोरा रंग काफी आकर्षित कर रहा था लेकिन प्रताप ने उस पर एक नजर डाली और अपने रिक्से वाले से कहा _ जल्दी चलो यहां से होटल में वरना पता नही होटल बंद न हो जाए।
आप चिंता न करे साहब मैं हूं न ।अगर बंद भी हो जायेगा मैं खुलवा दूंगा।मैं हमेसा उसमे यात्री ले जाता रहता हूं ।
चलो ठीक है फिर भी देर हो रही है ठंड बहुत ज्यादा है।
होटल पहुंचते ही रिक्से वाले ने होटल के मैनेजर से कहा _ मैनेजर साहब, साहब को जल्दी एक कमरा दे दीजिए इनकी ट्रेन काफी लेट थी ।ये बहुत थके हुए है ।उनको आराम को बहुत ज़रूरत थी।
मैनेजर ने कहा_ बड़े सही समय पर आए हैं बस एक ही कमरा खाली बचा हुआ।कुछ तो टूरिस्ट आए हुए हैं और कुछ स्टूडेंट्स ने सारा कमरा बुक कर लिया है ।
बहुत अच्छा है जल्दी से मुझे एक कमरा दे दीजिए।कितना किराया है।प्रताप ने पूछा ।
चौबीस घंटे का डेढ़ हजार रुपए है।मैनेजर ने कहा ।
भाड़ा तो थोड़ा ज्यादा है कुछ कम कर दीजिए देखिए मैं भी एक स्टूडेंट हूं।प्रताप ने अनुरोध किया ।
देखिए किराया तो इतना ही लगेगा लेना है तो ले लीजिए वरना शायद थोड़ी देर में यह भी नहीं खाली मिलेगा।मैनेजर ने कहा।
प्रताप न डेढ़ हजार रुपए निकाल कर दे दिया।मैनेजर ने आईडी मांगा।उसने वह भी दे दिया।
उसका कमरा बुक हो गया ।मेनेकर उसे दूसरे तल्ले के कमरे की चाबी दे दिया।प्रताप ने रिक्से वाले को उसका किराया देकर भेज दिया।
अपना बैग उठाकर जैसे ही वो ऊपर जाने के लिए सीढ़ियों की तरह बढ़ा तभी वही लड़की काउंटर पर जल्दी जल्दी पहुंच गई और उसने एक कमरा मांगा।
सॉरी मैनेजर ने कहा अभी अभी एक कमरा बुक हुआ है जो खाली था।
वो लड़की बहुत निराश हो गई।
प्रताप सीढ़ियों से होता हुआ अपने कमरे के पास पहुंचा और कमरे का ताला खोलकर जैसे ही उसके अंदर गया तभी वो लड़की भागती हुई आई और बोली _ क्या आप मुझे अपना कमरा दे सकते है ।आप लड़के है आप कही और भी कमरा ले सकते है।

शेष अगले भाग _2 में

लेखक _ श्याम कुंवर भारती
बोकारो, झारखंड
मोब.9955509286

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4 Comments

Madhumita

07-Jan-2024 06:36 PM

V nice

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नंदिता राय

06-Jan-2024 09:16 AM

Nice one

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Varsha_Upadhyay

31-Dec-2023 11:53 AM

Nice start

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