Ramsewak gupta

Add To collaction

चिंगारी

चिंगारी-------

मुक्तक---------
चिंगारी किसी के सीने में दबी हुई है ज़रूर उठनी चाहिए।।
नारी पर हो रहे अन्याय अनाचार की शम्मा जलनी चाहिए।।
अबला अब सबला का सशक्त चंडी रुप धारण कर चुकी है।।
देश में नई सोच नई उम्मीद की बयार ससम्मान बहनी चाहिए ।।
**रामसेवक गुप्ता**
दैनिक साहित्यिक काव्य प्रतियोगिता-------

   9
15 Comments

बहुत खूब 👌👌

Reply

Ramsewak gupta

22-Oct-2021 02:40 PM

सधन्यवाद

Reply

Deepak Dangaich

21-Oct-2021 08:25 PM

Nice

Reply

Ramsewak gupta

22-Oct-2021 02:41 PM

शुक्रिया जी

Reply

Zakirhusain Abbas Chougule

21-Oct-2021 07:38 PM

Nice

Reply

Ramsewak gupta

22-Oct-2021 02:41 PM

शुक्रिया जी

Reply