लेखनी कहानी -06-Jan-2024
शीर्षक - कच्ची उम्र का इश्क़ आधुनिक युग में हम सभी जानते हैं की जीवन में जब हम सब जन्म देते हैं तब हमें सांसारिक गतिविधियों में नियुक्त होना पड़ता है क्योंकि मानव जीवन ही एक सभी भोग भोगने का साधन है और हम सब अपनी अपनी उम्र के साथ भावनाओं में सपने सजाते हैं और हम सब जो उमर बचपन की होती है उसे उम्र के साथ हम सभी के मन की उछलता चंचलता और इश्क मोहब्बत की खुमारियां चढ़ी रहती है। शहर दिल्ली के हॉस्टल में नीति और अनीता दो लड़कियां रहती थी। नीति कच्ची उम्र की नाबालिग थी और अनीता ओर वह बढ़ी उम्र की समझदार थी और वह नीति को कच्ची उम्र के इश्क़ के लिए उसे बहुत बार समझाती हैं। तब एक दिन नीति से पूछती है दीदी आपके मन भावों में रिश्ते और चंचलता नहीं होती हैं तब अनीता कहती हैं तुम मुझे दीदी कहती हो न तब आओ मैं तुमको अपने कच्ची उम्र के इश्क़ का चक्कर और आज बताती हूं तब वह अपने मोबाइल में एक वीडियो क्लिप दिखाती हैं फिर एक क्लिप और दिखाती हैं तब वह नीति से पूछती हैं कि बता तुझे दोनों मोबाइल की क्लिप देखकर कैसा लगा और अब तुम कच्ची उम्र के इश्क़ के लिए क्या सोचती हो। तब नीति रोते रोते अनीता से गले लग जाती हैं और अनीता भी उसके साथ साथ रोने लगती हैं। फिर दोनों एक दूसरे को देखते हैं और एक-दूसरे से नजरें मिलाकर हंसते हुए कहते हैं कि हम दोनों सही राह पर चलेंगे और अब हम कच्ची उम्र के इश्क़ के विषय में सोचते हैं और हज्ञ सभी को जागरूक भी करेंगे। तब नीति अनीता से पूछती हैं दीदी अब वह बेटी कहा है तब वह कहती हैं कच्ची उम्र के इश्क़ की गलती थी। शायद वह जहां हो ठीक हो तब दीदी अब आप अपने जीवन में क्या सोचती हैं बस नीति अब मैं यही सोचती हूं कि सभी कच्ची उम्र की नाबालिग लड़कियों को अपनी आप बीती सुनाकर जागरूक करूं और तुम मेरे साथ हो न हां दीदी क्यों नहीं। ऐसा कहकर नीति दो कप कॉफी बनाने जाती हैं और दरवाजे पर दस्तक होती हैं तब वह देखतीं हैं कि हांँस्टल वार्डन शिल्पी खड़ी होती है। और तुम दोनों अभी जाग रही हो बस मैम सोने की तैयारी है । अच्छा ठीक है कहकर शिल्पी चलीं जाती हैं। तब नीति तो कब कॉफी लेकर आती है और पूछती अनीता दीदी कौन था तब वह कहती है कि कोई नहीं वार्डन शिल्पी रात के राउंड पर आई थी और सोने के लिए कह रही थी। अच्छा चलो हम सोते हैं और काफी दोनों पीकर बेड की ओर जाती है तभी नीति अंत से कहती है दीदी कच्ची उम्र में इश्क और क्या नुकसान है नीति के नीति पूछता है तो अंतर रहती है सबसे बड़ा तो नुकसान यही एक अच्छी उम्र में एक तो हमारा शरीर सही नहीं होता दूसरा हमें कोई जिंदगी भर हाथ पकड़ने वाला अच्छा इंसान नहीं मिलता है क्योंकि नारी की जिंदगी कुछ ऐसे ही है तब नीति पूछता है दीदी हम सब नारियों के साथ ऐसा क्यों होता है और अनीता कहती हैं ऐसा भी नहीं होता ,पगली हम सब कभी-कभी समय के साथ गलत राह पर चले जाते हैं और जीवन हमें उसे गलती की सजा भी देता है यदि हमें कोई कच्ची उम्र की इश्क में भी संग सच्चा साथी मिल जाए तो जीवन सफल भी हो जाता है उनकी रहती है अच्छा दीदी सच बात तो यह है की कच्ची उम्र की इश्क में हम समझदार नहीं होते हैं अनीता कहती यहाँ सच यही बात है तुमने अब सही समझा और दोनों अनीता और नीति अपने अपने बेड पर लाइट बंद करके सो जाती है।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र
Mohammed urooj khan
19-Jan-2024 05:11 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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Alka jain
16-Jan-2024 10:55 PM
Nice one
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Pranav kayande
09-Jan-2024 04:16 AM
amazing
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