Neeraj Agarwal

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लेखनी कहानी -06-Jan-2024

शीर्षक - एक पसंदीदा फिल्म                     
                   एक पसंदीदा फिल्म आज हम आपको फिल्म के साथ-साथ अपनी पसंद की एक फिल्म का कहानी शीर्षक के साथ लिख रहे हैं हमारी आज की पसंदीदा फिल्म है  जुग जुग जियो इस फिल्म में नायक अपने परिवार को संभालने के लिए और अपनी बढ़ती उम्र में अपने बच्चों के प्रेम को बचाने के लिए वह तरह-तरह की प्रेरणादायक काम करता है।
              वह अपनी बेटे और बहू के तलाक को बचाने के लिए उनको प्रेरणा देने के लिए वह अपनी पत्नी के साथ एक नाटक करता है और वह अपनी पत्नी को बड़ा बड़ा के लड़ाई के लिए कहता है और वह दोनों अपने बेटे बहू की तलाक को बचाने के लिए एक प्रेम और लड़ाई के साथ तलाक का नाटक भी  करते हैं मां बेटे से कहती है तेरा पिता पता नहीं औरत के चक्कर में है वह मुझे बिल्कुल प्यार नहीं करता है और वह मुझे तलाक देना चाहता है यह सुनकर बेटा भी परेशान रहने लगता है और मैं अपनी पत्नी को तलाक देने का विचार भूल कर बहू बेटा पिता की प्रेम कहानी की खोज में खुद को लगा देता है। और उसका पिता कभी-कभी शौक मस्ती के लिए शराब भी पीता है और वह अपनी छत पर बैठा हुआ अपने लिए सर आपका पैक बनाता है तो वह उसका बेटा भी आ जाता है तो पिता और पुत्र दोनों एक दो दूसरे का सहयोग देते हैं और पीने का नाटक करते हुए बता बेटे से कहता है बेटा आजकल तो शादी की लंबी लाइफ बोरिंग होती है क्यों ना हम भी फिर से जवान हो जाए इस पर बेटा कहता है पिताजी आपकी बात सही है परंतु अब तो आपकी उम्र हो रही है मोटा बेटा उम्र हो या कुछ हमें तो अपने जीवन में अपने शौक और अपनी विचारों से मतलब होता है ऐसा कहकर बेटा के सामने पिता शराब के चढ गई और ऐसा  बेहोश होने का नाटक करता है। बेटा सोचता है  कि लगता है पिताजी को नींद आ रही है।                        
                      अपनी मां से कहता है पिताजी की कोई ऐसी प्रेम कहानी नहीं है जो जो तुमको तलाक देने चाहते हो क्योंकि माता-पिता ने बहू बेटे को उनके तलाक लेने का एक दूसरे से बात करते हुए सुन लेते  हैं। अब वह  बहु बेटे से कहते हैं कि मैं तुम्हारे पिता से तलाक ले रही हूं ऐसा कहते हुए मां भी नाटक करती है और पिताजी तब दोनों माता-पिता बहु बेटे  से कहते हैं जब तुमको हमारा ऐसे समय में तालक लेना पसंद नहीं है तो तुम सोचो हम दोनो तुम दोनों का तलाक होते कैसे देख सकते हैं जब हम तुमको इस घर में हम तुमको   बहू बनाकर कर लाए थे घर में तब परेशानी भी हमें बताओ तब दोनों अपने पास ससुर से चिपक कर रोने लगते हैं और दोनों तलाक लेने का विचार निकाल देते हैं और जो उनके जीवन में परेशान चल रही होती है वह अपने माता-पिता से शेयर करके उसे परेशानी को दूर करके तलाक का विचार निकाल कर तब  उनके माता-पिता उन्हें आशीर्वाद देते है जुग जुग जियो और खुशियों से भरपूर रहो इस तरह यह एक  पसंदीदा  फिल्म की खुशहाल समाप्त होती है।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

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8 Comments

Mohammed urooj khan

19-Jan-2024 05:12 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Alka jain

16-Jan-2024 10:56 PM

Nice

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Pranav kayande

09-Jan-2024 04:25 AM

best

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