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लेखनी कहानी -07-Jan-2024 कविता

*आखरी मुलाकात*

मुलाक़ात हुई उनसे बस इक बात थी,
उनकी तन्हाई में कटती इक रात थी ।

फासले थे  मगर था दर्द का इम्तिहान,
जागते रहे रात भर अधूरी बात थी ।

राहबर थे कभी अब रहनुमा बन गये,
सर्द रातों में उनकी कटती वो रात थी ।

उल्फ़त का कारवाँ मेरा थमता गया,
अहबाब थे मेरे जब होती घात थी ।

चाहत मेरी नस्तानामुद हो गई अब,
उनसे आखरी मेरी वो मुलाकात थी ।

    *के,के,कौशल*,
  इन्दौर, मध्यप्रदेश

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5 Comments

Pranav kayande

09-Jan-2024 04:29 AM

best

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Gunjan Kamal

08-Jan-2024 07:58 PM

👏👌

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बेहतरीन और खूबसूरत भाव

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