Tabassum

Add To collaction

हम


वजह तुम रूठने की गर बता दो तो मना लें हम
कभी हमकों कुबुलो ज़िंदगी तुमको बना लें हम

सिवा तेरे किसी भी और कि सूरत नहीं भाती
तुझी को आज़माना है तुझे ही आज़मा लें हम

कभी दिल को मनाते है कभी ख़ुद रूठ जाते हैं 
कभी तन्हा, कभी ग़मगीं, कभी खुशियां निभा लें हम

ज़रा सी दिल की धड़कन है कभी भी हम सुना देंगे
कभी सीने से लग जाओ तुम्हें दिल में बसा लें हम

गिले तुमने किए हमसे कभी शिकवे किए हमने
सभी शिकवे गिले आओ भुला कर मुस्कुरा लें हम

   18
12 Comments

Zakirhusain Abbas Chougule

25-Jan-2024 08:22 PM

Wah bahut khub

Reply

Zakirhusain Abbas Chougule

25-Jan-2024 08:20 PM

Nice

Reply

Reyaan

22-Jan-2024 01:01 AM

Nice

Reply