GUDDU MUNERI

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अखबार


[ अखबार ] 


क्यों आते हो मेरे दरवाजे पर 

क्या खबर लाते हो तुम 


किसी के गम समेटते हो 

किसी की खुशियां दिखाते तुम 


कुछ वक्त मिलें तो लिखना 

मेरे बारे में 

क्यों पढ़ते है तुझे हर रोज 

अखबारों में 


दस्तक के साथ ही हाथो में 

घिर जाते हो 

कभी चाय के प्यालों के संग 

कभी मेज पर नजर आते हो 


चंद पन्नो पर स्याह ए चित्र 

लाते हो तुम 

क्या खूब खबर लाते हो तुम 


कुछ मेरे हिस्से के अल्फाज 

छाप दिया करो अखबार 


सुना है मेरी माशुका के घर

हर रोज जाते हो तुम 


     - गुड्डू मुनीरी ( सिकंदराबादी ) 

     - दिनांक : २१/०१/२०२५


टॉपिक : अखबार 

प्रतियोगिता हेतु 



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9 Comments

Mohammed urooj khan

22-Jan-2024 01:42 PM

लाजवाब 👌🏾👌🏾👌🏾

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खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति

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Shnaya

22-Jan-2024 12:31 AM

V nice

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