चंद्रयान
चंद्रयान भरकर उड़ान पहुँचा चंदा मामा के घर l मामा भी थे बाँह फैलाए आजाओ सब मेरे दर l
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बहुत हो चुकी लुका-छिपी,अब भेद खुलेंगे सारे, घूमेगे अब साथ तुम्हारे, संग में झिलमिल तारे ,
पानी की नदियाँ खोजेंगे,और नहाये फिर जी भर l
चंद्रयान भरकर उड़ान पहुँचा चंदा मामा के घर ll
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प्राण वायु यदि होगी तुम पर वृक्ष सभी लग जाएंगे, होंगे यदि विशाल सागर तो , पशु पक्षी पल जाएंगे ,
पृथ्वी से तब सैर करेंगे वायु यान में फिर चढ़कर ll
चंद्र यान भरकर उड़ान पहुँचा चंदा मामा के घर ll
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तुम तक आज पहुँच कर, चौड़ी हुई गर्व से छाती,
इसरो के वैज्ञानिक का श्रम, दुनियाँ जिसको गाती,
लहराया है आज तिरंगा चंद्र यान से फहर फहर l
चंद्रयान भरकर उड़ान पहुँचा चंदा मामा के घर ll
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विनीता गुप्ता स्वरचित छतरपुर मध्य प्रदेश
Varsha_Upadhyay
20-Feb-2024 06:07 PM
Nice
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Gunjan Kamal
20-Feb-2024 02:30 PM
👏🏻👌🏻
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Mohammed urooj khan
19-Feb-2024 12:05 PM
👌🏾👌🏾👌🏾
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