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लेखनी कहानी -24-Jan-2024कविता

*वतन तेरी ख़िदमत में*

वतन पे जान फिदा कर चले हम तेरी ख़िदमत में ।
तहेदिल से हम चाहते ए वतन तेरी ख़िदमत में ।

लाख मुश्किलें राहों में चाहे  जिस्म घायल हो चले,
तुझसे है मोहब्ब्त वतन पे जान निसार हो चले ।

हो कोई हमदम तुझसा नहीं  वतन परवरदिगार,
दुनिया मे बस तेरा ही आसरा तू ही  मददगार ।

      ,*के,के,कौशल*
  इन्दौर, मध्यप्रदेश

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8 Comments

Mohammed urooj khan

27-Jan-2024 02:22 PM

👌🏾👌🏾👌🏾

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बेहतरीन

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Sushi saxena

25-Jan-2024 12:48 AM

V nice

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