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छेरछेरा

छेरछेरा

आज मगन हे लइका अउ सियान
घरोघर मिलही ठेठरी खुरमी अउ धान।
हमर छत्तीसगढ के इही तो हे चिनहारी
घर घर मा पकही बरा अउ सुहारी
कहूं मड़ई भरही, कहूं लगही मेला
पुस पुन्नी मा आइस तिहार छेरछेरा
आज मगन हे लइका अउ सियान
घरोघर मिलही ठेठरी खुरमी अउ धान।
दान पुन के परब हे गा महान
राजा मोरध्वज हा करिस अपन बेटा के दान
कठिन परिच्छा लिस कृष्ण भगवान
 अर्जुन हा कहिस छत्तीसगढ़ के भुइंहा हे महान
आज मगन हे लइका अउ सियान
घरोघर मिलही ठेठरी खुरमी अउ धान।
डोकरा कथे सुन त डोकरी
आज हवय तिहार छेरछेरा पुन्नी
बीते दिन के झन रोवव रोना
हाेही उही जोन होही होना
आज मगन हे लइका अउ सियान
घरोघर मिलही ठेठरी खुरमी अउ धान।
पुस के महीना जुड़ जुड़ हावय बिहनियां
रुस रुस रुस रुस लागय रौनियां
ये तिहार के गुन का गावंव
छेरछेरा पुन्नी के महिमा हे अपार
आज मगन हे लइका अउ सियान
घरोघर मिलही ठेठरी खुरमी अउ धान।

नूतन लाल साहू

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9 Comments

Mohammed urooj khan

27-Jan-2024 02:59 PM

👌🏾👌🏾👌🏾

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Madhumita

25-Jan-2024 10:51 PM

Nice

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Gunjan Kamal

25-Jan-2024 10:07 PM

👏👌

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